scriptखान महाघूस कांड: कोर्ट का आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने से इनकार | Court declines to delare IAS Ashok singvi and others absconder | Patrika News

खान महाघूस कांड: कोर्ट का आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने से इनकार

locationजयपुरPublished: Sep 26, 2019 08:51:33 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

खान महाघूस कांड(Khan mahaghoos kaand)के आरोपी आईएएस अशोक सिंघवी (IAS Ashok singhvi )सहित आठ आरोपियों को ईडी मामलों की विशेष अदालत (ED special court) ने भगोड़ा (Absconder) घोषित करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने माना है कि फिलहाल आरोपियों के खिलाफ भगोड़ा घोषित करने लायक सबूत नहीं हैं।

जयपुर

कोर्ट का कहना है कि धन शोधन मामलों की राज्यभर में एक ही कोर्ट है और कई मामले लंबित हैं। कोर्ट को सम्मन व वारंट तामील करवाने में परेशानी हो रही। इसलिए डीजीपी को सम्मन व वारंट आदि की तामील करवाने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ गठित को सूचित करें।

कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों के वारंट इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों से तामील करवाने और एक नवंबर तक तामील नहीं होने पर चित्तौडग़ढ़ और उदयपुर के पुलिस अधीक्षक तथा जयपुर के पुलिस आयुक्त की अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित करने को भी कहा है। मामले में अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी। हालांकि शुक्रवार को एक आरोपी संजय सेठी की अग्रिम जमानत अर्जी पर कोर्ट सुनवाई करेगा।

यह है मामला-

खान विभाग के इस मामले में एसीबी ने आईएएस अशोक सिंघवी सहित आठ आरोपियों को ढ़ाई करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत यह मामला दर्ज किया था। एसीबी वाले केस के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण कानून के तहत एक मामला अलग से दर्ज किया था। जांच के बाद ईडी मामलों की विशेष अदालत में शिकायत पेश की थी। कोर्ट ने इस शिकायत पर प्रसंज्ञान लेकर २१ जनवरी,२०१९ को सिंघवी सहित आठों आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। लेकिन गिरफ्तारी वारंट की तामील नहीं हो पाई।

ईडी ने कोर्ट में अर्जी पेश कर कहा कि आरोपी एसीबी कोर्ट में हाजिरी माफी की अर्जी दे रहे हैं लेकिन र्ईडी कोर्ट से वारंट जारी होने के बावजूद पेश नहीं हो रहे हैं। इस पर कोर्ट ने २१ सितंबर को सिंघवी सहित सभी आरोपियों की एसीबी केस में मिली जमानत रद्द कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कीं लेकिन,२३ सितंबर को हाईकोर्ट न्यायाधीश ने आरोपियों की ओर से संपर्क किए जाने के कारण खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया था।

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