हाईकोर्ट में प्रत्येक कोर्ट में सुबह 12 मुकदमे और लंच के बाद 13 मुकदमे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाएंगे। इस प्रकार प्रत्येक कोर्ट में एक दिन में कुल 25 मुकदमे ही सूचीबद्ध होगें। सुनवाई के लिए वकीलों को एक दिन पहले अर्जेंसी बताकर केस को सूचीबद्ध करवाना होगा। हर कोर्ट रुम में सैनेटाइजर की व्यवस्था होगी। खांसी-जुकाम और बुखार से पीडि़त कर्मचारियों को तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी होगी। कोर्ट परिसर में स्थित चाय और फोटोस्टेट की सभी दुकानों सहित कैंटीन भी बंद रहेगें।
जब तक बेहद आवश्यक ना हो पक्षकारों और केस के ऑफिसर इंचार्ज सहित अफसरों का आना मना होगा। वकीलों के निरंतर संपर्क में आने वाले कोर्ट स्टॉफ को मास्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। कोर्ट रुम सहित ऑफिस,कुर्सियां, टेबल, दरवाजे,रेलिंग और अन्य वस्तुओं को प्रत्येक दिन दो बार एक प्रतिशत हायपोक्लोराइड से कीटाणू रहित किया जाएगा।
इसी प्रकार जिला अदालतों में भी केवल जमानत,स्टे और रिमांड जैसे अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई होगी। न्यायिक या पुलिस रिमांड के लिए लाए जाने वाले बंदियों को एक घंटे के भीतर काम निपटाकर वापिस ले जाना होगा ताकि कोर्ट के लॉकअप में अनावश्यक भीड़ एकत्रित ना हो। बुधवार से जयपुर में जिला अदालत परिसर के केवल दो गेट खुले रहेगें और यहां भी चाय की दुकानों सहित सभी कैंटीन बंद रहेगीं। वकीलों को भी जरुरी होने पर ही कोर्ट आने और काम समाप्त होते ही जाने की हिदायत दी गई है। यह व्यवस्था ३१ मार्च तक जारी रहेगी।
यह निर्णय मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए। बैठक में जयपुर बैंच के सभी न्यायाधीशों सहित महाधिवक्ता महेन्द्र सिंह सिंघवी और सभी अतिरिक्त महाधिवक्ता,हाईकोर्ट बार और दी बार जयपुर के अध्यक्ष व महासचिव मौजूद थे। बैठक में जोधपुर मुख्य पीठ के न्यायाधीशों सहित बार पदाधिकारियों ने वीडिया काफ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया।
यह करेगें अर्जेंट केस सूचीबद्ध-
हाईकोर्ट ने अर्जेंट केस सूचीबद्ध करने के लिए जोधपुर और जयपुर मुख्य पीठ में न्यायिक अधिकारी तय कर दिए हैं। खंडपीठ की याचिका,खंडपीठ के आपराधिक मामले,विशेष अपील और सिविल अपीलों के लिए रजिस्ट्रार नियम, एकलपीठ के आपराधिक मामलों के लिए रजिस्ट्रार वर्गीकरण और एकलपीठ से संबंधित याचिका तथा सिविल वाद के लिए रजिस्ट्रार न्यायिक को जिम्मेदारी दी गई है। प्रत्येक वकील को सुबह 10.30 से 12 बजे तक अपने केस की अर्जेंसी बताते हुए एक प्रोफोर्मा में भरकर देना होगा। इसके बाद न्यायिक अधिकारी ही केस के अर्जेंट होने या नहीं होने के संबंध में निर्णय लेकर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश देगें।
सरकार से मांगे सुविधाएं-
हाईकोर्ट प्रशासन ने कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वालों के शारीरिक तापमान जांचने के लिए थर्मल गन उपलब्ध करवाने,एंट्री लेवल पर ही संदिग्धों की पहचान करने के लिए उचित संख्या में पैरा मेडिकल स्टॉफ उपलब्ध करवाने को कहा गया है।
यह करेगें मॉनिटरिंग-
रजिस्ट्रार (प्रशासन) और रजिस्ट्रार (वर्गीकरण) संबंधित बार के पदाधिकारियों के साथ मिलकर निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए 31 मार्च तक निरंतर मॉनिटरिंग करेगें।