कोर्ट ने कहा, क्या टेलीकॉम कंपनियां खुद को ज्यादा ताकतवर मानती हैं
एजीआर: वोडा-आइडिया की 'आखिरी उम्मीद' भी टूटी, राहत नहीं

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया मामले में टेलीकॉम कंपनियों को कोई राहत नहीं दी है और कहा है कि आगे किसी तरह की नई आपत्ति को अब स्वीकार नहीं किया जाएगा। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस एस आर शाह की पीठ यह सुनवाई की। जस्टिस मिश्रा ने दो टूक कहा कि यह प्रश्न कोर्ट के सम्मान का है। क्या टेलीकॉम कंपनियां खुद को कोर्ट से ज्यादा ताकतवर समझती हैं। अक्टूबर २०१९ के फैसले से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि अब बकाया रकम का दोबारा मूल्यांकन नहीं होगा। वोडा-आइडिया, एयरटेल और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाना ही होगा। यह टैक्सपेयर्स का पैसा है और कंपनियों को इसे अदा करने को लेकर कोई राहत नहीं मिलने वाली है।
कोर्ट में दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई
कोर्ट ने केन्द्र की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उसने एजीआर बकाया अदा करने के लिए दूरसंचार कंपनियों को 20 साल का समय देने का अनुरोध किया था। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह
बाद होगी।
1.47 लाख करोड़ रुपए का बकाया
उच्चतम न्यायालय ने कंपनियों से 1.47 लाख करोड़ का सांविधिक बकाया 17 मार्च तक जमा करने को कहा था। इतने बड़े भुगतान का कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर फर्क पड़ सकता है। अकेले वोडाफोन-आइडिया पर एक अनुमान के अनुसार 53,000 करोड़ रुपए का बकाया है।
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