उन्होंने गहलोत से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचएसी-पीएचसी की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की मजबूती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वहां दवाइयां, चिकित्सकों सहित सभी जरुरी स्टाफ की कमी है। गांवों में रैपिड टेस्टिंग-सैम्पलिंग तेजी से बढ़ाने के साथ ही समय पर ग्रामीणों के लिए दवाइयां पहुंचाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए। गांवों में कोविड संक्रमण पर काबू पाने के लिए सरकार को बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर्स को लगाना चाहिए, जिससे टेस्टिंग-सेम्पिलिंग तेजी से हो सके। उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़, झुंझूनूं, जोधपुर ग्रामीण, आदिवासी क्षेत्रों सहित प्रदेशभर के ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में पॉजिटिव केस बढ़ रहे, ऐसे में जरूरत है कि राज्य सरकार वहां दवाइयां पहुंचाने एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दें और कोविड गाइडलाइन की पालना व वैक्सीनेशन को लेकर जन जागरूकता के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाए।
पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री को निजी अस्पतालों में मरीजों से लिए जा रहे मनमाने चार्ज मामलों पर संज्ञान लेकर सुविधाजनक दरें तय करनी चाहिए। ऑक्सीजन, बेड्स, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रोक लगाने के साथ ही चिरंजीवी योजना का लाभ निजी अस्पतालों में भी आमजन को मिले, इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि प्रदेश के मरीजों को बड़ी राहत मिल सके।