एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में आने वाले थैलेसीमिया मरीजों के लिए रोज 80 से 100 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है। अभी फिलहाल उन्हें देने के लिए रिजर्व ब्लड से काम चलाया जा रहा है लेकिन यहीं स्थिति रहीं तो इन मरीजों को दिए जाने वाले रक्त पर संकट खड़ा हो सकता है । इसी तरह प्रदेशभर में रोजाना कई यूनिट प्रेग्नेंसी केसेज, इमरजेंसी और कैंसर रोगियों की लिए जरूरत होती । अगर ब्लड बैंको में ब्लड की कमी को लेकर जल्द कोई कम नहीं उठाया जाता तो एक नया संकट आने वाले समय में देखा जा सकता है।