भारत बायोटेक के ‘को-वैक्सीन‘ का तीसरा ट्रायल जयपुर में शुरू, 130 वॉलेंटियर्स को लगाई गई डोज
कोरोना महामारी में बीते इस साल के अंत में इससे बचाव की राह नजर आने लगी है। देश में कई वैक्सीन का ट्रायल अभी चल रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान में भी एक वैक्सीन ‘का ट्रायल शुरू किया गया।

जयपुर। कोरोना महामारी में बीते इस साल के अंत में इससे बचाव की राह नजर आने लगी है। देश में कई वैक्सीन का ट्रायल अभी चल रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान में भी एक वैक्सीन ‘का ट्रायल शुरू किया गया। कोरोना वैक्सीन ‘को-वैक्सीन‘ के फैज 3 ट्रायल के लिए राजस्थान को चुना गया है। भारत बायोटेक के इस वैक्सीन का यह ट्रायल केंद्र सरकार की निगरानी में जयपुर में शुरू किया गया है।
गुरुवार से शुरू हो चुके इस ट्रायल में 130 वॉलेंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। इस वैक्सीन के प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर और भारत बायोटेक के प्रतिनिधि डॉ. मनीष जैन का कहना है कि 31 दिसंबर तक जयपुर में 2 हजार वॉलेंटियर्स को यह डोज दिए जाने का टारगेट है। यह प्रयोग सफल रहा तो नए साल में फरवरी या मार्च तक यह वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। हालांकि इसके पहले दोनों ट्रायल सफल होने का दावा कंपनी ने किया है, तीसरे फैज का ट्रायल देशभर में चल रहा है। जयपुर में विद्याधर नगर के महाराज अग्रसेन अस्पताल में इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर्स को डोज दी जा रही है।
आईसीएमआर ने की फंडिंग
वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के प्रिंसीपल इंवेस्टीगेटर डॉ. मनीष जैन ने बताया कि वैक्सीन हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर तैयार की गई है। आईसीएमआर ने इसकी फंडिंग की है और इसके हर ट्रायल को भारत सरकार की निगरानी में किया जा रहा है। इसके दो फेज के ट्रायल पहले हो चुके हैं। दो ट्रायल में इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं, इसलिए तीसरे ट्रायल के लिए वॉलेंटियर्स जुटाने में मुश्किल नहीं आ रही।
वैक्सीन की सफलता, वॉलेंटियर्स के हाथ
डॉ. मनीष जैन का कहना है कि वैक्सीन के पहले फैज में मुश्किल आती है वॉलेंटियर्स जुटाने की। अभी जयपुर से कई वॉलेंटियर्स इस वैक्सीन की सफलता के प्रयोग में आगे आ रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि वॉलेंटियर्स की उम्र 18 से 65 साल के बीच हो। साथ ही उसे कोई ऐसी बीमारी ना हो, जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज या हाइपरटेंशन। इसके बारे में जानकारी लेने के बाद ही हम वैक्सीनेशन करते हैं।
पहले रजिस्ट्रेशन किया जाता है और वॉलेंटियर्स से कंसर्न फॉर्म भरवाया जाता है कि वे अपनी इच्छा से इस वैक्सीन के प्रयोग में अपनी मदद दे रहे हैं। उन्हें वैक्सीन लगाने के बाद आधा घंटा उन पर नजर रखी जाती है। कोई परेशानी ना होने पर उन्हें घर भेज दिया जाता है। उन्हें कहा गया है कि वे किसी भी तरह की परेशानी या बदलाव महसूस करते हैं तो वो तुरंत हमसे संपर्क करें। यह वैक्सीन सफल होती है तो इसमें वॉलेंटियर्स का बड़ा रोल होगा।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज