जयपुर। कोरोना महामारी (COVID 19) से होटल व्यवसाय (hotel industry) भी प्रभावित हुआ है। होटल व्यवसाइयों ने लाइसेंस शुल्क सहित बिजली बिल में राहत देने की मांग उठाई है। होटल व्यापारियों का तर्क है कि कोरोना महामारी में बजट श्रेणी के होटल सबसे अधिक प्रभावित हुए है। इससे होटल व्यवसाय को करीब 80 फीसदी नुकसान हुआ है।
प्रदेश में करीब 10 हजार बजट होटलें है, इनमें राजधानी जयपुर में करीब एक हजार बजट होटलें है। कोविड महारारी से होटल व्यवसाय को हुए नुकसान को लेकर होटल व्यवसाइयों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर राहत की मांग की है। फैडरेशन आॅफ राजस्थान होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष ए.सी. मैनी ने बताया कि कोरोना के चलते होटल इंडस्ट्री को करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। होटल व्यवसाय से सिर्फ 20 फीसदी इनकम हुई है, बाकि 80 फीसदी नुकसान हुआ है। मैनी का कहना है कि 20 फीसदी में होटलों के खर्च चलाएं, कर्मचारियों को वेतन बांटे या लाइसेंस आदि में खर्च करें। पिछले एक साल से कारोबार बंद सा रहा है।
होटल एसोसिएशन आॅफ जयपुर के अध्यक्ष गजेन्द्र लूनीवाल ने बताया कि कोविड से बजट श्रेणी के होटल सबसे अधिक प्रभावित हुए है, प्रदेश के आधे बजट होटल बंद हो गए या बिकने को तैयार है। प्रदेश में करीब 10 हजार बजट होटल है, जो राजस्थान आने वाले 75 फीसदी पर्यटकों को ठहरने और खाने की सुविधा देते है। अब होटल कर्मचारी बेरोजगार हो गए। होटल व्यवसाय को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। लूनीवाल ने बताया कि राज्य में 9 फीसदी नौकरी इसी उद्योग से दी जाती है और प्रदेश में पर्यटन प्रमुख व्यवसाय है।
मुख्यमंत्री को पत्र लिख ये उठाई मांग
1. बिजली की दर कम कर औद्योगिक की जाए
2. बिजली बिल में फिक्स चार्ज उस माह के अधिकतम लोड पर लिया जाए
3. होटलों के वार्षिक 19 लाइसेंसों में छूट दी जाए, सभी लाइसेंस बिना शुल्क के 31 मार्च 2022 तक नवीनीकरण किए जाए