जयपुर। राजधानी में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए डोर टू डोर सर्वे (Door to door survey) किया जाएगा। इसके साथ मेडिकल किट बांटी जाएगी। साथ ही टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट पर फोकस रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन से व्यापक स्तर पर टेस्ट किए जाएंगे। यह निर्णय रविवार को जेडीए में डोर टू डोर सर्वे एवं मेडिकल किट के कार्यों की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए आयोजित बैठक में लिया गया।
जेडीए आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि बैठक में जयपुर जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर सर्वे कर मेडीकल किट का वितरण करने का निर्णय लिया गया। डोर टू डोर सर्वे कार्य में मेडीकल किट वितरण एवं लक्षण पाए जाने पर दवाई लेते हुए होम आइसोलेशन की सलाह देना, फीडबैक लेना, टेस्टिंग आदि कार्य किए जाएंगे। मेडीकल टीम की ओर से सर्वे व किट वितरण के बाद तीन दिन बाद फीडबैक लिया जाकर आवश्यकता होने पर टेस्टिंग करवाई जाएंगी। टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने पर दवाइयां लेते हुए होम आइसोलेशन की सलाह दी जाएगी एवं आवश्यक होने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग जेडीए सचिव की ओर से जायेगी।
ये तैयारी, दिए निर्देश
– शहरी क्षेत्र में मेडीकल टीम 3 टायर सिस्टम के तहत कार्यरत है, जिसमे 3 लेवल पर एएनएम, बीएलओ, हेल्थ वर्कर, आशा सहयोगिनी एवं अन्य, 2 लेवल पर सुपरविजन स्कूल लेक्चरर या समकक्ष तथा 1 लेवल पर उपायुक्त स्तर का अधिकारी (चार पीएससी अधीन होंगी) कार्य कर रहा है।
– ग्रामीण क्षेत्र में मेडीकल टीम में बीडीओ, सीईओ के स्तर पर सरपंच, वार्ड सरपंच, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी एवं अन्य कार्य कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्र में 108 पीएससी एवं 35 सीएससी है।
– ग्रामीण क्षेत्रों में मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी के नाम से कमेटियां बनाई गई है, बैठक में सुझाव दिया गया है कि कोविड कैंपेन में एनजीओस को भी शामिल किया जा सकता है।
– जेडीसी ने ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कार्य के दौरान ऑक्सीमीटर भी साथ रखने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए उन्होंने आरएमएससी के अधिकारियों को ऑक्सीमीटर सीएमएचओ को तुरंत उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा।
– ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को कम करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए एंटीजन व आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएंगे, टेस्ट में पॉजीटिव आने वाले रोगियों को तुरंत उपचार या भर्ती करने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। साथ ही क्वारनटाइन सेंटर्स विकसित किए जाएंगे।
– शहरी क्षेत्र में मेडीकल टीम 3 टायर सिस्टम के तहत कार्यरत है, जिसमे 3 लेवल पर एएनएम, बीएलओ, हेल्थ वर्कर, आशा सहयोगिनी एवं अन्य, 2 लेवल पर सुपरविजन स्कूल लेक्चरर या समकक्ष तथा 1 लेवल पर उपायुक्त स्तर का अधिकारी (चार पीएससी अधीन होंगी) कार्य कर रहा है।
– ग्रामीण क्षेत्र में मेडीकल टीम में बीडीओ, सीईओ के स्तर पर सरपंच, वार्ड सरपंच, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी एवं अन्य कार्य कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्र में 108 पीएससी एवं 35 सीएससी है।
– ग्रामीण क्षेत्रों में मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी के नाम से कमेटियां बनाई गई है, बैठक में सुझाव दिया गया है कि कोविड कैंपेन में एनजीओस को भी शामिल किया जा सकता है।
– जेडीसी ने ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कार्य के दौरान ऑक्सीमीटर भी साथ रखने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए उन्होंने आरएमएससी के अधिकारियों को ऑक्सीमीटर सीएमएचओ को तुरंत उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा।
– ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को कम करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए एंटीजन व आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएंगे, टेस्ट में पॉजीटिव आने वाले रोगियों को तुरंत उपचार या भर्ती करने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। साथ ही क्वारनटाइन सेंटर्स विकसित किए जाएंगे।