जयपुर। कोरोना का संक्रमण दिनों—दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार की व्यवस्थाओं की सच्चाई कोविड 19 से मौत (Corona Death) के बाद अंतिम संस्कार में लगने वाले समय से सामने आ गई है। कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को 6 से 10 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। कुछ केस ऐसे भी सामने आए है, जिनमें मौत के दूसरे दिन अंतिम संस्कार हुआ हैै। दरअसल कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम तक ले जाने के लिए शहर में सिर्फ 2 ही एंबुलेंस है। एक एंबुलेंस अस्पताल से शव को उठाने और अंतिम संस्कार करवाने में करीब 5 से 6 घंटे लग रहे हैं, जबकि शहर में एक दिन में 3 मौतें कोरोना से हो रही है। जबकि जानकारों का कहना है कि इन एबुंलेस के लिए रोजाना 4 से 5 शवों को उठाने के लिए फोन आ रहे हैं। सच्चाई यह भी है कि इन एबुंलेंस के जिम्मे अज्ञात और लावारिस शवों को मोक्षधाम तक पहुंचाने का जिम्मा है।
कोविड 19 का नाम ही लोगों को डरा रहा है। जबकि कुछ लोग ऐसे भी है, जिनके परिजनों की कोविड 19 से मौत होने के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए उन्हें एक—एक दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि अधिकतर लोगों केा अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में 6 से 10 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। इसका कारण, कोरोना से मौत होने पर डेडबॉडी को अस्पताल से मोक्षधाम तक पहुंचाने का जिम्मा नगर निगम के पास है और नगर निगम में इस काम के लिए सिर्फ 2 ही एबुंलेंस लगा रखी हैै। एक एबुंलेंस को एक शव उठाने और मोक्षधाम तक पहुंचाने के बाद अंतिम संस्कार होने तक वहीं रुकना पड़ता है। ऐसे में एक शव के अंतिम संस्कार तक करीब 5 से 6 घंटे लगते है।
नगर निगम के पास सिर्फ 2 एंबुलेंस
नगर निगम ने शहर में दो एंबुलेंस लगा रखी है, जो कोरोना से मौत होने के बाद शव को उठाने और उसे अंतिम संस्कार के लिए आदर्श नगर मोक्षधाम के अलावा ट्रांसपोर्ट नगर कब्रिस्तान तक लेकर जाती है और अंतिम संस्कार के बाद वहां से निकलती है। इसके बाद उसे सेनेटाइज किया जाता है।
कारण यह भी
बड़ी बात यह भी है कोविड 19 से मौते शहर के कई अस्पतालों में हो रही है। इनमे कुछ अस्पताल शहर के एक छोर से दूसरे छोर पर स्थित है, जहां तक पहुंचने में ही काफी समय लग जाता है। शहर में कोरोना के मरीजों को निम्स, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि, सीके बिडला अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल, ईसीएसएच, अपेक्स, महात्मा गांधी, जयपुरिया अस्पताल, जेएनयू सहित करीब एक दर्जन अस्पतालों में रखा जा रहा है। जहां कोरोना से मौत होने पर इन्हीें एंबुलेंसों से मोक्षधाम तक ले जाया जाता है।
मार्च में लगाई दो एंबुलेंस, अब तक नहीं बढ़ाई
नगर निगम ने मार्च में कोरोना के मृतकों को उठाने और अंतिम संस्कार कराने के लिए देा एंबुलेंस लगाई थी, लेकिन अगस्त केे कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ने के बाद भी एंबुलेंस नहीं बढ़ाई गई। निगम सूत्रों का कहना है कि दोनों एंबुलेंस कम पड़ रही है, इसे लेकर प्राइवेट एंबुलेंस किराए पर लेने की कवायद की गई, लेकिन कोई एंबुलेंस वाला तैयार ही नहीं हुआ।
रात 8 बजे हुए मौत, शव मिला दूसरे दिन शाम 4 बजे इस परेशानी को झेल चुके सन्नी ज्ञानानी ने बताया कि उनकी मॉ की मौत रात 8 बजे हुई, एंबुलेंस नहीं मिलने से दूसरे दिन शाम 4 बजे शव को अंतिम संस्कार के लिए आदर्श नगर मोक्षधाम ले जाया गया। ज्ञानानी ने बताया कि अस्पताल वालों ने कहा कि एंबुलेंस आएगी तक यहां से शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजेंगे, वहीं दूसरे दिन एंबुलेंस आई तो चालक ने बताया कि दो एंबुलेंस है, जो पूरे शहर में घूम रही है। अब वे कहां—कहां जाए।
नगर निगम एक्सईएन मनोज गोस्वामी ने बताया कि देा एंबुलेंस लगा रखी है और इन पर करीब 12 कर्मचारी लगा रखे है। एक एंबुलेंस को एक शव को उठाने और अंतिम संस्कार कराने तक करीब 5 से 6 घंटे लग रहे है। मैसेज आने के दो घंटे बाद गाड़ी भेज देते है। पहले गाड़ी एसएमएस अस्पताल ही जाती थी, अब शहर मे चारों ओर जा रही है।