ऐसा ही सनसनीखेज वीडियो राजधानी जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में न्यू सांगानेर रोड स्थित धन्वन्तरि अस्पताल का सामने आया है। एक कोरोना मरीज के परिजन ने स्टिंग कर लूट का खुलासा करता वीडियो ‘राजस्थान पत्रिका’ को उपलब्ध कराया है। वीडियो में अस्पताल के संचालक डाॅक्टर पहले तो बेड की मारामारी का ढोंग कर रहे हैं और इसके बाद संक्रमित के परिजनों से खुले में प्रतिदिन इलाज के 60-70 हजार रुपए तक की मांग कर रहे हैं।
यह महिला परिजन संक्रमित की जान बचाने की गुहार कर रही है, लेकिन डाॅक्टर उसे दिलासा देने के बजाय असंवेदनशील तरीके से यहां तक कह रहा है कि वे जान बचाने की गारंटी लेते तो क्या डाॅक्टरों को नहीं बचा लेते। महिला ने मजबूरी में कहा..पैसा कोई चीज नहीं है, आप तो इलाज करिए सर..।
संक्रमित के परिजन की लाचारी और ये यूं उतरे डील पर:
वीडियो में अस्पताल संचालक डाॅ.आर.पी.सैनी के कक्ष की नेम प्लेट नजर आ रही है। वार्तालाप में वहां मौजूद दो डाॅक्टरों ने बेड दिलाने से लेकर इलाज के नाम पर दो दिन के 1.40 लाख रुपए मांगे। प्रतिदिन 20 से 30 हजार रुपए दवाइयों के अलग से देने को कहा, जिस पर सहमति बन गई। इसके बाद डील की। यहां तक कहा कि यह तो खाली बेड का चार्ज है, दवाइयों के अलग से देने होंगे। उसने आक्सीजन की कमी का फायदा उठाने की कोशिश की और कहा कि हमारे यहां ऑक्सीजन प्लांट भी है।
बताओ सरकार..एक-एक पलंग की माॅनिटरिंग कौन कर रहा:
इधर, राज्य सरकार लगातार दावा कर रही है कि प्रदेश में एक एक कोविड बेड की माॅनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों की टीमें इनकी माॅनिटरिंग कर रही है। लेकिन इस लूट से सरकार की माॅनिटरिंग पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
इन दरों की सभी अस्पताल नहीं कर रहे पालना:
राज्य सरकार ने कहने को तो प्रदेश में निजी अस्पतालों में कोविड इलाज की अधिकतम दरें तय की हुई हैं। कई अस्पताल इनकी पालना कर रहे हैं, लेकिन जो नहीं कर रहे, उनकी माॅनिटरिंग भी नहीं की जा रही।
यह हैं उपचार की सरकार की तय दरें:
एनएबीएल अधिकृत अस्पताल
आइसोलेशन बेड सपोर्टिव केयर और आक्सीजन सहित 5500 रुपए प्रतिदिन
एचडीयू, आईसीयू बिना वेंटिलेटर की जरूरत वाले बेड पर 8250 रुपए प्रतिदिन
आईसीयू वेंटिलेटर सहित इनवेजिव व नाॅन इनवेजिव 9900 रुपए प्रतिदिन
नाॅन एनएबीएल अस्पताल
5 हजार रुपए प्रतिदिन
7500 रुपए प्रतिदिन
9 हजार रुपए प्रतिदिन
ना संचालक ने उठाया फोन, हेल्प लाइन भी नो रिप्लाई:
पत्रिका संवाददाता ने अस्पताल संचालक डाॅ.आर.पी.सैनी को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रीसिव नहीं किया। राज्य सरकार के पोर्टल पर इस अस्पताल के दिए गए हेल्प लाइन नंबर पर भी फोन किया, लेकिन वह भी नहीं उठाया गया। चिकित्सा विभाग के पोर्टल पर दिए गए सीएमएचओ कार्यालय के नंबर से बताया गया कि यह मामला जयपुर द्वितीय सीएमएचओ के क्षेत्र का है और दूसरा नंबर दे दिया गया। दूसरे नंबर पर फोन करने पर जवाब मिला कि उनके पास इस अस्पताल के नोडल अधिकारी के नंबर नहीं हैं।
(विकास जैन का विशेष खुलासा)