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कोरोना संक्रमण:सुप्रीम कोर्ट के बंदियों को पैरोल पर रिहा करने पर विचार के निर्देश

locationजयपुरPublished: Mar 23, 2020 07:49:22 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

(Supreme court )सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को (Jail prisoners) जेल में बंद बंदियों को (Corona Infection) कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सात साल तक की सजा काट रहे और (Undertrials) विचाराधीन बंदियों को(Parole) पैरोल या (interim Bail) अंतरिम जमानत पर (release) रिहा करने पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।

जयपुर

(Supreme court )सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को (Jail prisoners) जेल में बंद बंदियों को (Corona Infection) कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सात साल तक की सजा काट रहे और (Undertrials) विचाराधीन बंदियों को(Parole) पैरोल या (interim Bail) अंतरिम जमानत पर (release) रिहा करने पर विचार करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इसके लिए प्रत्येक राज्य में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन,गृह सचिव और डीजी जेल की हाई पॉवर कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। इस कमेटी को छूट होगी कि वह अपराध की प्रकृति,जेल में बिताई गई अवधि और ट्रायल के आदि के आधार पर पैरोल या अंतरिम जमानत पर एक तय अवधि के लिए बंदियों की रिहाई करने पर विचार की छूट होगी। कोर्ट ने कमेटी को सुरेश कुमार बनाम बिहार सरकार के मामले में दिए गए फैसले के पैरा नंबर 11 में दिए निर्देशेां को ध्यान में रखने को कहा है।
सीजेआई एस.ए.बोबडे की बैंच ने यह आदेश स्वप्रेरणा से लिए प्रसंज्ञान पर दिए हैं। कोर्ट ने सभी विचाराधीन बंदियों को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में उपस्थित करने पर रोक लगाते हुए केवल वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही उपस्थिति दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने बंदियों में दूरी बनाए रखने के साथ ही जेलो में भीड कम करने या चिकित्सकीय सुविधा के अतिरिक्त बंदियों को रुटीन में एक से दूसरी जेल में ट्रांसफर नहीं करने और संक्रमण की आशंका या लक्षण दिखने पर बंदी को तत्काल अस्पताल भेजने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण जेलों में भीड होना गंभीर मुददा है। जेल में बंदियों में उचित दूरी बनाए रखना बेहद जरुरी है। संविधान के अनुच्छेद—21 के तहत जेलों में कोरोना संक्रमण केा रोकना बेहद आवश्यक है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने भी दिए निर्देश—
सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने भी एक जनहित याचिका पर सरकार को सात साल तक की सजा भुगत रहे और विचारधीन कैदियों को एक महीने के पैरोल पर रिहा करने पर तत्काल विचार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह अंतरिम आदेश एडवोकेट परमेश्वरी चौधरी की याचिका पर दिए।
कोर्ट ने याचिका और आदेश की प्रति डीजी जेल को भेजकर बंदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने,सरकार को पैरोल नियम—9ए केतहत तत्काल पैरोल देने पर विचार करने,बीमार व बुजुर्ग बंदियों सहित सजा काट रहे और छोटे छोटे अपराध में विचाराधीन बंदियों की आवश्यकता व सुरक्षा का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने गृह विभाग को सुझावों पर विचार करने और जेलों में भीड कम करने के लिए आवश्यक सर्कुलर जारी करने को कहा है और गृह सचिव को 15 दिन में उठाए गए कदमों का शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने आदेश की पालना के लिए याचिका की तीन प्रतियां महाधिवक्ता कार्यालय को सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 15 अप्रेल को होगी।
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