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गरीबों की सांसों का सौदा, ये क्या हो रहा है सरकार

locationजयपुरPublished: May 09, 2021 05:13:39 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

भरतपुर संभाग के आरबीएम अस्पताल को पीएम रिलीफ फंड से आवंटित 40 में से 10 सरकारी वेंटिलेटर को जिला प्रशासन के अधिकारियों और रसूखदारों की मिलीभगत से निजी अस्पताल को सुपुर्द करने का मामला सामने आया है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इसे गरीबों के हक की सांसों का सौदा करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

गरीबों की सांसों का सौदा, ये क्या हो रहा है सरकार

गरीबों की सांसों का सौदा, ये क्या हो रहा है सरकार

जयपुर।

भरतपुर संभाग के आरबीएम अस्पताल को पीएम रिलीफ फंड से आवंटित 40 में से 10 सरकारी वेंटिलेटर को जिला प्रशासन के अधिकारियों और रसूखदारों की मिलीभगत से निजी अस्पताल को सुपुर्द करने का मामला सामने आया है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इसे गरीबों के हक की सांसों का सौदा करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
राठौड़ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट में कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए एक ओर राज्य सरकार अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी का रोना रो रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन के आला अधिकारी सांठगांठ कर गरीब जनता के हक के वेंटिलेटर को निजी अस्पतालों को भेज रहे हैं, जहां इन अस्पतालों द्वारा सरकारी वेंटिलेटर का उपयोग कर प्रतिदिन लाखों रुपये चार्ज मरीजों से वसूला जा रहा है। राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है और जीवन रक्षक उपकरण वेंटिलेटर सहित अन्य संसाधनों के अभाव में मरीज जिंदगी की जंग हार रहे हैं। राज्य सरकार के कुप्रबंधन व प्रशासन की मिलीभगत का खामियाजा अधिकतर मरीजों को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ रहा है क्योंकि उनके हक के सरकारी संसाधनों को मनमर्जी से निजी अस्पतालों को दिया जा रहा है। राठौड़ ने कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारी वेंटिलेटर का उपयोग कर निजी अस्पताल मरीजों से भारी भरकम दाम वसूल रहे हैं। यह मामला उजागर होने के बाद अब जिला प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए एक वेंटिलेटर के उपयोग की एवज में 2 हजार रुपए प्रतिदिन का किराया वसूलने का आदेश देकर स्वयं को क्लीन चिट देने का प्रयास कर रहा है।
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