इस ऑनलाइन कोर्स के लिए दुनियाभर से 259 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया, जिसमें से 41 भारत के हैं। इस कार्यशाला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, राज्य मंत्रालय, डब्लूएचओ, यूएनडीपी, यूनीसेफ टाटा ट्रस्ट, क्लिंटन हैल्थ्स एक्सेस इनिशिएटिव और आईआईटी खडग़पुर सहित प्रतिष्ठित स्वास्थ्य एवं संबद्ध संगठनों के 23 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला की अध्यक्षता आईआएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ.पी.आर.सोडानी ने की तथा असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुनील राजपाल कार्यशाला के सभापति रहे।
कार्यशाला का फोकस विशेष रूप से भारतीय परिस्थिति में टीकों की मांग का निर्धारण करने वाले कारकों से संबंधित पेचदगियों पर चर्चा करना था। विभिन्न पेशेवर पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों ने टीके की लागत एवं अपेक्षित लाभ के बारे में जानकारी प्रदान की।
यूएनडीपी के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पंकज सोमानी ने कहा कि टीकाकरण के बारे में जानकारी दी। डॉ. सुनील राजपाल ने भी अपनी बात कही। सत्र के अंत में डॉ.पी.आर. सोडानी ने भारत में बाहरी प्रकार के रोग, रोग का संक्रामक स्तर, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्तर का व्यवहार, सांस्कृतिक विश्वास एवं सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि जैसे वैक्सीन इकोनोमिक्स के कई मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी।