आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर कोरोना महामारी की आड़ में जनता को परेशान करने का आरोप लगाया है। प्रदेश में इस बीमारी की रोकथाम के लिए ना केवल बिना सोचे-समझे फैसले लिए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें लागू करने के नाम पर लूट का खेल चल रहा है। पार्टी ने शुक्रवार को इस संबंध में प्रदेशभर में जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया।
प्रदेश सचिव देवेन्द्र शास्त्री ने बताया कि महामारी रोकने के लिए प्रदेश में तथाकथित जो सख्ती की जा रही है, उससे जनता की परेशानियां बढ़ जाएंगी। पिछला अनुभव यही बताता है। सरकारी तंत्र कार्रवाई का डर दिखाकर जनता को लूट रहा है। स्थिति यह है कि पुलिसकर्मी इस समय केवल एपिडेमिक एक्ट के तहत चालान काट रहे है और इसकी रसीद पर ना तो पुलिस थाने का नाम है और ना ही पुलिसकर्मी का। ऐसे में इस रसीद के आधार पर अपील का कोई अधिकार नागरिकों को नहीं मिलता। इससे लगता है कि सरकार केवल अपना खजाना भरने में जुटी है। शास्त्री ने सरकार से मांग की है कि इस तरह की मनमर्जी बंद करनी चाहिए। ताजा गाइड लाइन में कर्फ्यू पर जोर दिया गया है जो गलत है। इससे दुकानदारों, स्ट्रीट वेंडर्स की माली हालत और बिगड़ जाएगी। गर्मी में उनके कारोबार का समय शाम पांच बजे ही शुरू होता है। पांच बजे से दुकान बंद और छह बजे से कर्फ्यू लगा कर दुकानदारों व ग्राहकों को पुलिस व्यवस्था में उलझाया गया है। इससे पुलिस की वसूली, उगाही, मारपीट जैसी घटनाएं बढ़ेंगी। राज्य के व्यापार जगत को भी आर्थिक नुकसान होगा।
कोषाध्यक्ष तरुण गोयल ने कहा है अस्पतालों में वैक्सीन, वेंटीलेटर और आक्सीजन की कमी बनी हुई है। कई प्राइवेट अस्पताल वेंटीलेटर की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे है। प्रदेश की सरकार को दिल्ली की केेजरीवाल सरकार से सबक लेकर इन प्राइवेट अस्पतालों पर शिकंजा कसना चाहिए। दिल्ली में सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में बिस्तर और वेंटीलेटर की उपलब्धता को एप के जरिये आॅनलाइन किया गया है। इससे वहां आम जनता को राहत मिली है और प्राइवेट अस्पतालों की दादागिरी पर अंकुश लगा है। राजस्थान में ऐसा ही कदम उठाया जाना चाहिए।