जेलकर्मी की ड्यूटी पर रहते कोरोना से मौत, तो मिलेंगे 50 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ने दी प्रस्ताव को मंजूरी
जेल परिसर में ड्यूटी के दौरान सरकारी एवं संविदा पर लगे कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो जाती है, तो राज्य सरकार परिजनों को को 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देगी।

जयपुर। जेल परिसर में ड्यूटी के दौरान सरकारी एवं संविदा पर लगे कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो जाती है, तो राज्य सरकार परिजनों को को 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, स्वायत्त शासन विभाग सहित अन्य फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स की तर्ज पर जेल कर्मियों को भी अनुग्रह राशि के दायरे में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
जेल विभाग से वित्त विभाग को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि जेल कर्मियों ने भी लॉकडाउन के समय जेल परिसर में ड्यूटी करते हुए कोरोना संक्रण के खतरे का सामना किया है। जयपुर केन्द्रीय जेल सहित भरतपुर एवं बूंदी की जेलों में कई बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई जेल विभाग की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताई थी।
इधर, विशेष योग्यजनों के लिए प्रदेश में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित सभी आवासीय एवं गैर-आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के लिए 6 करोड़ 2 लाख रुपए से अधिक राशि एकमुश्त अनुदान के रूप में देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। यह राशि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अनुसूचित जनजाति क्षेत्र विकास और स्कूल शिक्षा सहित विभिन्न विभागों की ओर से संचालित विशेष योग्यजन विद्यालयों एवं छात्रावासों में लॉकडाउन और अनलॉक की अवधि के दौरान कार्यरत कार्मिकों के लिए मानदेय, भवन किराया, मरम्मत एवं साफ-सफाई तथा बिजली-पानी बिल आदि के लिए है। प्रदेश में ऐसे 102 आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं, जिनकी स्वीकृत आवास क्षमता 7100 है।
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