‘मिलने—मिलाने’ पर रोक, नहीं चलेगी ढ़ोक
— पंचायत चुनाव में प्रचार के तौर—तरीकों को लेकर गाइडलाइन जारी
जयपुर. हर पांच साल बाद संभवत: चुनाव ही ऐसा मौसम होता है, जब नेताजी गली—मोहल्लों में हमउम्रों से हाथ मिलाते और बुजर्ग वोटरों के पांव तक छूते दिखते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में उन्होंने यह स्टाइल दिखाई तो मामला भारी पड़ सकता है।
दरअसल, चुनाव के पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रचार के दौरान ऐसी सारी गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया है जो सोशल डिस्टेसिंग के खिलाफ हैं। ऐसे में अब प्रत्याशी प्रचार में न किसी से हाथ मिला सकेंगे, ना ही गले मिल सकेंगे। आयोग ने शनिवार को गाइडलाइन जारी कर प्रत्याशियों के पैर छूकर वोट मांगने को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
नए निर्देशों के अनुसार प्रचार में शामिल होने वाले सभी लोगों को मास्क लगाना और छह फीट की दूरी बना कर चलना अनिवार्य होगा। घर—घर संपर्क में पांच से ज्यादा लोग नहीं जाएंगे। प्रत्याशी और उसके साथ जाने वाले सभी समर्थक नियमित अन्तराल के बाद हाथों को सेनिटाइज करेंगे।
आयोग ने साफ किया है कि अनलॉक—4 की गाइडलाइन के अनुसार 21 सितंबर से अनुमत किए गए सामाजिक, राजनीतिक इत्यादि आयोजनों में अधिकतम 50 लोगों को ही अनुमति दी जाएगी। सियासी कार्यक्रमों में ऐसे लोग जुटते हैं तो उनको कोविड प्रोटोकॉल की पालना करनी होगी। पान, तंबाकू खाकर थूकना दंडनीय होगा। यदि कोई गाडइलाइन का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उस पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।