उधर, राज्य में पशुचिकित्सकों के करीब 60 फीसदी पद खाली होने के बावजूद भर्ती नहीं होने से ना केवल पशुचिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो रही है, वहीं दूसरी ओर बेरोजगार पशुचिकित्सकों का सरकारी डॉक्टर बनने का सपना भी अधूरा ही है। ऐसे में पिछली सरकार की ओर से 900 पशुचिकित्सकों की भर्ती की घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए बेरोजगार पशुचिकित्सक इन दिनों विधायक और मंत्रियों की शरण में जा रहे हैं। राज्यभर से आए बेरोजगार पशुचिकित्सक इन दिनों राजधानी में जनप्रतिनिधियों के यहां जाकर भर्ती विज्ञप्ति जारी करवाने की गुहार कर रहे हैं। सोमवार को बेरोजगार पशुचिकित्सक कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत अन्य से मिले। बेरोजगार पशुचिकित्सक संघ के डॉ राकेश पूनिया ने बताया कि पिछली सरकार ने 2017 के बजट में 900 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की घोषणा की थी। लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में बेरोजगार पशुचिकित्सक जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार से भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक हो भर्ती इसके साथ ही बेरोजगार पशु चिकित्सक संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ पाबू राम विश्नोई का कहना है कि पिछली सरकार में एक भी वेटरनरी चिकित्सक के पद पर भर्ती नहीं हुई। सिर्फ घोषणा करके इतिश्री कर ली गई। लेकिन बेरोजगारों को वर्तमान सरकार से भर्ती प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू करवाए जाने की उम्मीद है। बेरोजगार पशुचिकित्सक मांग कर रहे हैं कि सरकार आरपीएससी के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 87.5 फीसदी अंक लिखित परीक्षा और 12.5 फीसदी अंक साक्षात्कार के शामिल कर भर्ती करे।