scriptपॉलीथिन की रोक से पचास प्रतिशत तक घटी गायों की मौतें | Cows died due to polyethylene infections up to fifty percent | Patrika News

पॉलीथिन की रोक से पचास प्रतिशत तक घटी गायों की मौतें

locationजयपुरPublished: Jan 25, 2018 08:23:22 pm

पर्यावरण शुद्धिकरण पर भी सकारात्मक प्रभाव

jaipur
जयपुर . शहर में प्रशासन की ओर से पॉलीथिन के उपयोग के बंद होने से हिंगोनिया गौ शाला सहित अनेक गौशालाओं में गायों की मौतों में पचास फीसदी तक कमी आई है। साथ ही पर्यावरण शुद्धिकरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
गायों को मिला जीवनदान

हिंगोनिया गौशाला के उपनिदेशक तेजसिंह के अनुसार महापौर अशोक लाहोटी की ओर से शहर में पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बाद से गायों को जीवनदान मिला है। सिंह ने बताया कि पहले जहां एक गाय के पेट के ऑपरेशन में 20-50 किलोग्राम तक पॉलीथिन निकलती थी। गर्भधारण के दौरान प्लास्टिक की थैलियों के कारण ना तो बच्चा पनप पाता है बल्कि कई बार गायों की दर्दनाक मौत हो जाती है। वहीं अब यह घट कर मात्रा 5 से 10 किलोग्राम ही निकलती है। प्लास्टिक से गायों का पेट भारी, अफरा आजाता है। भूख बंद हो जाते है। ऐसे में गायों जीवनदान मिला है।
टोने टोटके बंद हो तो पड़े फर्क

गोशाला के चिकित्सक नीरजपाल सिंह ने बताया कि धार्मिक प्रवृति के चलते महिलाएं गुप्त दान करने के बहाने गायों को गुड और आटे में सिक्के व अन्य वस्तुएं रखकर खिलाती है। इससे गायों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता ये वस्तुए उनकी आंतों में फंस जाती है और कई बार मौत का कारण बन जाती है। अब तक ऑपरेशन के दौरान गायों के पेट के दौरान स्टील की अंगुठी, सिक्के, प्लास्टिक की बॉल्स, कीले, पेच, चाबियां आदि अन्य शामिल है।
15000 किलो पॉलीथिन काली

चिकित्सकों ने बताया कि करीब 10 साल में 800 गायों का ऑपरेशन किया जा चुका है। इन गायों के पेट ऑपरेशन कर 15 हजार किलो पॉलीथिन निकाली जा चुकी है। वहीं अब व्यवस्थाओं में सुधार के बाद यहां गायों का आंकड़ा भी बढ़ा है। अक्षय पात्र ने जब यहां की व्यवस्था संभाली थी, जब यहां करीब आठ हजार गायें थीं, जो अब बढ़कर 20 हजार 700 हो गई हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो