जोशी ने शुक्रवार दोपहर को पत्रकारों से बातचीत में स्वीकारा कि गहलोत से उनकी मित्रता होने के साथ-साथ राजनीतिक मतभेद भी हैं। वैभव को मुख्यमंत्री का पुत्र होने के कारण अध्यक्ष पद के लिए खड़ा नहीं किया, बल्कि उनके युवाकाल के संघर्ष को देखते हुए उन्हें मौका दिया गया है। मेरे साथ वैभव पहले भी काम कर चुके हैं। यही वजह है कि वैभव उनकी पसंद हैं। कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी से कोई विरोध नहीं है। वह अच्छे नेता हैं। नागौर जिला संघ को बीसीसीआई के निर्देश पर अयोग्य घोषित किया। क्योंकि इस संघ में ललित मोदी का जुड़ाव अब तक समाप्त नहीं हुआ है। साथ ही मनमाने तरीके से चुनाव किया गया। हमने आइपीएल (
IPL ) के मैच शुरू करवाए और इसमें तत्कालीन वसुंधरा राजे (
Vasundhara Raje ) सरकार का भी सहयोग रहा। वहीं उस समय आरसीए के सचिव रहे आरएस नांदू ने आइपीएल के सभी टेंडर किए।
चुनाव में हमारा नहीं रहा दखल
जोशी ने आरसीए चुनाव में उनके दखल को लेकर लगे आरोप पर कहा कि हम हर चुनाव अधिकारी के नाम पर राजी रहे। कृष्णामूर्ति के मोबाइल से हमारी शिकायतों के मेल डूडी गुट के वकीलों के पास पहुंचने पर बीसीसीआई को इसकी शिकायत की थी। बीसीसीआई ने ही चुनाव अधिकारी बदल कर पहले विनोद जुत्शी और फिर आर.आर.रश्मि को बनाया।
आरसीए स्टेडियम बने और घरेलू क्रिकेट शुरू हो जोशी ने कहा कि बीसीसीआई से प्रतिबंध हटने के बाद अब वहां से करीब 175 से 200 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही आरसीए चुनाव में विवाद का सबसे बड़ा कारण आरसीए का खुद का स्टेडियम नहीं होना है। एसएमएस स्टेडियम अन्तरराष्ट्रीय स्तर का नहीं रहा है। इसलिए जयपुर व उदयपुर में नए स्टेडियम बनाए जाएंगे। साथ ही घरेलू क्रिकेट शुरू होने से राज्य की प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा।
क्रिकेट का आगे बढ़ाएंगे: वैभव आरसीए अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद वैभव गहलोत ने कहा कि अब उनका मकसद जोशी के अधूरे काम को पूरा करना रहेगा। जयपुर में नया स्टेडियम बने और जयपुर के साथ जोधपुर, उदयपुर में आइपीएल मैच करवाने उनकी प्राथमिकता में शामिल है। राजस्थान के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को आगे बढ़ाना भी लक्ष्य है। क्रिकेट से जुड़े हुए लोगों को साथ लेकर टीम भावना के साथ काम करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने जो मौका दिया, इसके लिए उनका आभार। उनके सपनों को पूरा करनेे का प्रयास करूंगा।
दादा से कहा था, पापा जीतकर रहेंगे वैभव के साथ उनकी पुत्री काश्विनी भी आरसीए अकादमी पहुंची। पिता की जीत के बाद खुशी से ओतप्रोत काश्विनी (
Kashwini ) ने कहा कि दादा से पहले ही कहकर आई थी कि पापा चुनाव में जीतेंगे। अब मैं अपने दादा से कहूंगी देखो पापा जीत कर आ गए हैं। अब मैं अपने और पापा के फ्रेंड्स को को घर बुलाकर पार्टी दूंगी।