जोशी की अध्यक्षता वाली राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) को भंग कर तदर्थ समिति गठित कर दी। सामिति संयोजक ललित मोदी गुट के विनोद सहारण को बनाया गया है। राजनीति के माहिर खिलाड़ी जोशी के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) का विवाद भारी पड़ गया। जयपुर में इस वर्ष हुए आइपीएल मैचों के बाद दोनों गुट में विवाद बढ़ गया था और 16 जिला संघों ने रजिस्ट्रार से शिकायत की थी।
इस मामले में रजिस्ट्रार ने जांच कराई। रजिस्ट्रार ने 24 अगस्त को आरसीए को नोटिस जारी कर 4 सितंबर तक जवाब मांगा था। आरसीए ने जवाब नहीं दिया तो रजिस्ट्रार राजन विशाल ने फिर नोटिस देकर 17 सितंबर तक जवाब का मौका दिया। खास बात यह है कि ऐसे मामलों में दोबारा नोटिस देने का प्रावधान नहीं है। राजनीतिक दांवपेच में उलझे इस मामल में राजन को भी नाराजगी का शिकार होना पड़ा। सरकार ने राजन को इस पद से हटाकर नीरज के. पवन को सहकारिता रजिस्ट्रार का पद सौंप दिया। पवन ने पद संभालने के सात दिन के भीतर ही जोशी गुट को झटका दे दिया। गौरतलब है जोशी गुट ने सोमवार को ही रजिस्ट्रार के नोटिस का जवाब दिया था, लेकिन रजिस्ट्रार ने इसे नहीं माना।
तदर्थ समिति की पहले से थी चर्चा
जोशी वर्ष 2017 में ललित मोदी के पुत्र रूचिर मोदी को हराकर दूसरी बार आरसीए के अध्यक्ष बने थे। सचिव पद पर मोदी गुट के आरएस नांदू निर्वाचित हुए थे। चुनाव के बाद से ही जोशी और मोदी गुट के बीच विवाद चल रहा था। आरसीए में तदर्थ समिति गठित करने की चर्चा कई दिनों से चल रही थी। सूत्रों के अनुसार भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही ललित मोदी के पुत्र रूचिर मोदी को आरसीए में काबिज कराने के लिए तदर्थ समिति का गठन किया गया है।
जोशी वर्ष 2017 में ललित मोदी के पुत्र रूचिर मोदी को हराकर दूसरी बार आरसीए के अध्यक्ष बने थे। सचिव पद पर मोदी गुट के आरएस नांदू निर्वाचित हुए थे। चुनाव के बाद से ही जोशी और मोदी गुट के बीच विवाद चल रहा था। आरसीए में तदर्थ समिति गठित करने की चर्चा कई दिनों से चल रही थी। सूत्रों के अनुसार भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही ललित मोदी के पुत्र रूचिर मोदी को आरसीए में काबिज कराने के लिए तदर्थ समिति का गठन किया गया है।