क्रेडिट स्कोर आपकी लोन चुकाने की योग्यता को दर्शाता है, जिसके अनुसार लोन की राशि और समय तय होता है। किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। 750 से अधिक के क्रेडिट स्कोर को बेहतर माना जाता है। जिनका स्कोर इतना है, वह अनेक प्रकार के लोन ले सकते है। जितने आप 900 अंक के समीप होते हैं, लोन के मिलने की आपकी संभावना और बेहतर होती चली जाती है। लोगों को हमेशा अपना क्रेडिट स्कोर मजबूत रखना चाहिए, क्योंकि इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि आपको कब लोन की जरूरत हो सकती है। अचानक आपको लोन की जरूरत पड़ती है, लेकिन आपका स्कोर खराब होने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है।
क्रेडिट स्कोर की गणना में समय पर भुगतान का सबसे बड़ा प्रभाव होता है। समय पर भुगतान करने से आपका स्कोर बढ़ता है। यदि आप देर करते हैं, तो इसमे कमी आती है। देरी से भुगतान करने पर, फिर चाहे वे क्रेडिट कार्ड की पेमेंट हों या आपकी ईएमआई, उसका आपके क्रेडिट इतिहास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और बैंक या कंपनियां इसे पसंद नहीं करते हैं।
क्रेडिट कार्ड के साथ उसके खर्च करने की लिमिट जुड़ी रहती है। इस लिमिट को बैंक आपके वेतन और क्रेडिट स्कोर पर विचार करने के बाद तय करता है। जितनी आपकी आय और क्रेडिट स्कोर अधिक होगा, आपकी खर्च करने की लिमिट भी उतनी अधिक होगी। लेकिन अपने खर्च करने की लिमिट तक बार-बार पहुंचने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। इसलिए अपने खर्च करने की लिमिट तक न पहुंचे और 60 फीसदी कार्ड लिमिट का ही उपयोग करे। आपातस्थिति में अधिक खर्च कर सकते हैं लेकिन नियमित रूप से अधिक खर्च करना क्रेडिट स्कोर के लिए खराब है।
क्रेडिट कार्ड पर ग्राहकों को न्यूनतम आंशिक भुगतान करने की छूट दी जाती है। यह आपके बैलेंस की 5 फीसदी राशि होती है। इससे उधारकर्ता इस बात को लेकर गलती कर बैठते हैं कि न्यूनतम पेमेंट पर्याप्त है। लेकिन, बैलेंस पर हर महीने 3 से 4 फीसदी ब्याज वसूला जाता है, जो बहुत अधिक होता है। साथ ही इससे आपका स्कोर भी कम होता है।
जब भी आप लोन के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक या लोन संस्थान क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए आवेदन करते हैं, इसे हार्ड इन्क्वायरी के रूप में जाना जाता है। आपके लिए कितनी बार हार्ड इन्क्वायरी हुई है इसकी जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज की जाती है और इस से आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आपके क्रेडिट कार्ड पर क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के लिए लगातार अनुरोध करने से भी इंक्वायरी की संख्या बढ़ जाती है, जो आपके क्रेडिट स्कोर पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। यह आपके खर्चों के मैनेजमेंट के लिए क्रेडिट पर अधिक निर्भरता को भी दर्शाता है, जिससे पता चलता है कि आप पर लोन का बोझ अधिक है और बैंकों द्वारा इसकी नकारात्मक रूप से व्याख्या की जा सकती है।
आपके क्रेडिट स्कोर को कैलकुलेट करने के लिए आपके क्रेडिट बिहेवियर, क्रेडिट यूटिलिटी लिमिट, लोन भुगतान रिकॉर्ड आदि का उपयोग किया जाता है। क्रेडिट हिस्ट्री की अनुपस्थिति आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। यदि आपने कभी लोन नहीं लिया है या आपके पास कभी क्रेडिट कार्ड नहीं था, तो बैंक के लिए यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि आप कम या अधिक जोखिम की कैटेगरी में आते हैं या नहीं।