कोर्ट ने अभियुक्त महेन्द्रगढ़ हरियाणा निवासी महाराम (23) और मोठूका पाटन सीकर निवासी कृष्ण कुमार उर्फ सोनू (19) को अपहरण व बलात्कार की विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास एवं 4-4 लाख रुपए के जुर्माने की सजा दी है। आजीवन कारावास, शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास से अभिप्रेत है। वहीं अभियुक्त मोठूका पाटन निवासी रिंकू महाजन (20) और कोटपूतली निवासी राजुकमार (23) को अपहरण की धाराओं में दोषी मानते हुए सात-सात वर्ष के कारावास एवं 1-1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
मामले में राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एसपीपी ओमप्रकाश माथुर ने बताया कि 19 फरवरी 2015 को पीड़िता के पिता ने कोटपूतली थाने में रिपोर्ट दी थी कि 17 फरवरी से रात से उनकी बेटी लापता है। जिन्हें अभियुक्त बहला-फुसलाकर ले गए। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जांच कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। मामले में विधि से संघर्षरत तीन बालकों को किशोर न्याय बोर्ड भेजा गया।
दो थानाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई दूसरी ओर प्रेम विवाह करने वाले दो दम्पतियों को अदालती आदेश के बावजूद संरक्षण नहीं मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने सीकर जिला पुलिस अधीक्षक से दो थानाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है।
न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार व न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की खण्डपीठ ने छोटूराम व सचिन कुमार यादव की दो अलग-अलग बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर यह आदेश दिया। दोनों याचिककर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया कि उन्होंने अपनी-अपनी प्रेमिकाओं से विवाह किया और हाईकोर्ट ने इसी साल पुलिस सरंक्षण में युवतियों की इच्छा पर उन्हें ससुराल भेजा गया। इसके बाद दोनों ही मामलों में युवतियों के परिवार वाले उन्हें अपने साथ ले गए और अब भेज नहीं रहे हैं।