पूनियां ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि प्रदेश में राजनीतिक संरक्षण में अपराधियों का मनोबल प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है जो राजस्थान प्रदेश के भविष्य को भी संकट में डालने वाला है। उन्होंने कहा कि शांतिप्रिय प्रदेश को आपराधिक केंद्र बनते देख जनता का हृदय द्रवित है और वह इस कुशासन के लिए मुख्यमंत्री को कभी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि क्या ये खबरें मुख्यमंत्री की अंतरात्मा को छलनी नहीं करती, जो इस राज्य के गृहमंत्री भी हैं, वह एक-एक घटना के लिए जवाबदेह हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अपराधों पर अंकुश कब लगेगा, कब बहन-बेटियों के लिए फिर से राजस्थान सुरक्षित प्रदेश कहलाएगा। उन्होंने कहा कि कब तक प्रदेश में कानून व्यस्था की बदइंतजामी का मखौल उड़ाया जाएगा। अब तो राजस्थान की जनता के सब्र का इम्तिहान भी टूट चुका है।
इसी तरह विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में शांतिप्रिय प्रदेश के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान आज अपराध का अड्डा बन रहा है। महिलाओं के साथ बलात्कार, लूट, डकैती, हत्या, दलित उत्पीड़न और बजरी माफियाओं का आतंक प्रदेश की पहचान बन चुका है। राठौड़ ने कहा कि बलात्कार के मामलों में राजस्थान देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है।
उन्होंने बताया कि एनसीआरबी के नवीनतम आकंड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2019 में 5997 बलात्कार के मामले दर्ज हुए जिसमें 1313 मामलों में मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। दुर्भाग्य है कि राज्य में अपराध का बोलबाला है और कानून व्यवस्था दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। उल्लेखनीय है कि पूनिया ने शनिवार को भी गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसके गत 20 महीनों के शासन में प्रदेश सर्वाधिक अपराध ग्रस्त राज्यों में शामिल होकर अपराधों की राजधानी बन गया है।