एक पुलिसकर्मी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि आरोपी पक्ष के ऊंचे रसूखात के चलते उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगवा दी गई। शर्मा के परिजनों का आरोप है कि इतनी गुहार लगाने और सबूत होने के बावजूद पुलिस की लापरवाही या मिलीभगत के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की बजाय गृह विभाग के अधिकारी आंख मूंद बैठे हैं। सरकार स्तर पर आज तक मामला दबाकर बैठने वाले एक भी पुलिसकर्मी की (
jaipur police ) कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाया। इसी से समझ लेना चाहिए कि आलोक शर्मा आत्महत्या मामले में (
jaipur crime News ) सुसाइड नोट होने के बावजूद पुलिस जांच (
Alok Sharma suicide police investigation ) के नाम पर प्रकरण को क्यों? दबाकर बैठ गई।
बेटे ने लगाई मुख्यमंत्री से गुहार आलोक शर्मा के बेटे शुभम ने यह मामला सामने आने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (
Cm Ashok Gehlot ) से गुहार लगाई है। शुभम ने कहा कि पुलिस थाने से लेकर पीएचक्यू तक वह भटक ही रहा है। लेकिन उसके पिता की मौत के कसूरवारों को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया। पत्रिका के जरिए मुख्यमंत्री से यह भी गुहार लगाई कि अब वे ही पिता की मौत के कसूरवारों के खिलाफ कार्रवाई करवाएं। ( Bulletin Today’s CEO Alok Sharma Suicide Case )
आलोक शर्मा सुसाइड केस में अब नया मोड, बैंक से गायब हुआ 50 लाख का चैक उलझता जा रहा मामला गौरतलब है कि बुलेटिन टुडे के सीइओ आलोक शर्मा ( Bulletin Today’s CEO Suicide ) की मौत की गुत्थी पुलिस की करतूत से उलझती नजर आ रही है। पहले तो पुलिस ने आलोक शर्मा के बेटे की करके बजाय पुलिस ने खुद ही एफआइआर दर्ज करवाई। इसके बाद बाउंस चैक की भी जानकारी से अनभिज्ञता जताई। अरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस पर सवाल खड़े हो गए हैं।