Jaipur Police Arrested Women Gang of MP : पुलिस ने एमपी गिरोह की पांच शातिर महिलाओं को किया गिरफ्तार, उज्जैन से जयपुर परीक्षा देने आई महिला को बनाया था शिकार
एमपी की बदमाश महिलाओं ने ही बनाया महिला को शिकार, पीड़िता ने पुलिस को बताया हुलिया तो पकड़ी गई
जयपुर. Crime News In Hindi : उज्जैन से जयपुर परीक्षा देने आई महिला का मंदिर में दर्शन करने के दौरान बैग चुराने वाली एमपी की महिला चोर गिरोह का माणकचौक थाना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। वहीं गिरोह की पांच महिलाओं को गिरफ्तार ( Woman Gang Aressted ) किया है।
पुलिस (jaipur police ) ने महिलाओं को सोमवार को कोर्ट (court ) में पेश किया, वहां से न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मनोज कुमार ने बताया कि गिरोह की सरगना सुषमा उर्फ रेशमा(40), आरती (35), भाग्यश्री (28), पूजा (22) और सुमित्रा (23) निवासी सभी महाराष्ट्र हाल निवासी इंदौर को गिरफ्तार ( police Arrested 5 woman ) कर माल बरामद कर लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि जवाहर नगर नानाखेड़ा उज्जैन निवासी ज्योति कुशवाह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह 19 जुलाई को वह परीक्षा देने जयपुर आई थी। पीड़िता जयपुर निवासी अपने भाई अरुण पारीक के पास रूकी हुई थी।
21 जुलाई को सुबह 11 बजे पीडि़ता भाई भाभी के साथ गोविंद देव जी मंदिर में दर्शन करने गई। इस दौरान 5-6 महिलाओं ने चारों तरफ से घेर लिया। उसके बाद एक महिला ने पीडि़ता के बैग की चेन खोली और उसमें रखा छोटा बैग पार कर ( Theft In Jaipur ) लिया। पर्स में 8 हजार की नकदी सहित जरूरी दस्तावजे रखे हुए थे।
24 घंटे के अंदर महिलाओं को पकड़ लिया मामला दर्ज कर परिवादिया द्वारा बताए गए हुलिए के आधार पर गिरोह की तलाश के लिए टीम का गठन किया गया। मामले में 24 घंटे के अंदर ही टीम ने हुलिए के आधार पर पांच संदिग्ध महिलाओं को सांगानेरी गेट स्थित फ्रूट मंडी में घुमते हुए पकड़ लिया। थाने पर लाकर पूछताछ की गई, तो सभी ने वारदात करना कबूल कर लिया।
Read More Latest Crime News : जयपुर में एक परिवार को चैन की नींद लेना पड़ गया भारी, हो गई बड़ी वारदातऐसे देते हैं वारदात को अंजाम एसआइ गुंजन वर्मा ने बताया कि महिलाएं भीड़भाड़ वाले मंदिरों में पीडि़त को चारों तरफ से घेरकर खड़ी हो जाती है और मौका पाकर बैग से पर्स निकाल वहां से फरार हो जाती है।
गिरोह की मुख्य सरगना सुषमा उर्फ रेशमा से पूछताछ में सामने आया है कि पकड़ में आ जाने पर बच्चों को ढाल बनाकर उन्हें आगे कर देते हैं, जिससे व्यक्ति का मन पसीज जाता है और वह माफ कर आगे निकल जाता था। बच्चों को साथ लेकर चलने से कोई जल्दी से शक भी नहीं करता है।