18 साल से अधिक उम्र की युवतियों सबसे असुरक्षित
प्रदेश में साल 2018 में महिलाओं के साथ बलात्कार के मामलों की संख्या चार हजार 335 रही। संख्या के मामले में सिर्फ एमपी ही राजस्थान से कुछ आगे है। लेकिन इसमें भी एक लकुना है। दरअसल प्रदेश में 18 साल और उससे अधिक उम्र की युवतियों के साथ रेप के मामलों में राजस्थान में सबसे ज्यादा है। साल 2018 में प्रदेश में जो चार हजार से ज्यादा मुकदमें दर्ज हुए उनमें से 3305 मुकदमें 18 साल या उससे अधिक उम्र की युवतियों ने दर्ज कराए हैं। यह संख्या पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। उसके बाद एमपी राज्य 2603 और यूपी राज्य 2594 के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है। इन राज्यों में भी युवतियों के साथ रेप के मामले देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहद ज्यादा है।
प्रदेश में साल 2018 में महिलाओं के साथ बलात्कार के मामलों की संख्या चार हजार 335 रही। संख्या के मामले में सिर्फ एमपी ही राजस्थान से कुछ आगे है। लेकिन इसमें भी एक लकुना है। दरअसल प्रदेश में 18 साल और उससे अधिक उम्र की युवतियों के साथ रेप के मामलों में राजस्थान में सबसे ज्यादा है। साल 2018 में प्रदेश में जो चार हजार से ज्यादा मुकदमें दर्ज हुए उनमें से 3305 मुकदमें 18 साल या उससे अधिक उम्र की युवतियों ने दर्ज कराए हैं। यह संख्या पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। उसके बाद एमपी राज्य 2603 और यूपी राज्य 2594 के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है। इन राज्यों में भी युवतियों के साथ रेप के मामले देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहद ज्यादा है।
प्रेमियों को सुरक्षा देने वाला राजस्थान पहला राज्य, फिर भी हालात सही नहीं
बात अब राजस्थान पुलिस और सरकार की करें तो राजस्थान में प्रेम प्रसंग में जान देने और रेप जैसे मामले सबसे ज्यादा होते हैं। यही कारण है कि पिछले साल राजस्थान ही देश में एक मात्र राज्य रहा जहां पर प्रेमियों की सुरक्षा के लिए कानून लाया गया। बालिग प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई और सुरक्षा में चूक होने पर पुलिस अधीक्षकों तक की खिंचाई की गई। ऐसा करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, लेकिन उसके बाद भी युवतियों से होने वाले रेप के मामले कम होने की जगह बढ़ गए।
बात अब राजस्थान पुलिस और सरकार की करें तो राजस्थान में प्रेम प्रसंग में जान देने और रेप जैसे मामले सबसे ज्यादा होते हैं। यही कारण है कि पिछले साल राजस्थान ही देश में एक मात्र राज्य रहा जहां पर प्रेमियों की सुरक्षा के लिए कानून लाया गया। बालिग प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई और सुरक्षा में चूक होने पर पुलिस अधीक्षकों तक की खिंचाई की गई। ऐसा करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, लेकिन उसके बाद भी युवतियों से होने वाले रेप के मामले कम होने की जगह बढ़ गए।
एक साल में 1700 केस ज्यादा दर्ज
महिलाओं के साथ रेप और यौन अपराध सरकार बदलने के बाद तो कई गुना तेजी से बढ़े। साल 2018 में रेप के मामले 4335 थे जो साल 2019 में 1700 से ज्यादा बढ़ गए और 6000 से भी आगे जा पहुंचें। छह हजार से ज्यादा रेप के ये मामले आज तक राजस्थान में दर्ज हुए मामलों में सबसे ज्यादा हैं। पिछले साल तो रेप के कुछ मामले इस तरह के आए कि पूरे देश में ही राजस्थान को शर्मसार होना पडा। अलवर में विवाहिता के साथ उसके पति के ही सामने गैंगरेप की वारदात और वीडियो वायरल होने के मामले में तो पीएम तक ने राजस्थान की कानून व्यवस्था पर टिप्पणी की थी। उसके बाद रेप पीडिता को पुलिस विभाग में नौकरी दी गई है।