केस – एक : फिरौती के लिए बंधक बना युवक की अंगुलियां काट भेजी परिजनों को राजधानी के ओमेक्स फेज दो के एक फ्लैट में मीनावाला निवासी विशाल दास (22) को बंधक बनाकर रखा गया। यहां उसकी गला घोंट हत्या कर दी और हाथों की अंगुलियां काट उसके परिजनों को भेज कर 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। करणी विहार थाना पुलिस ने लोकेशन और सबूतों के आधार पर विकास और शोभित को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि विशाल की फ्लैट में हत्या कर शव उत्तर प्रदेश मथुरा के पास फेंक आए। जबकि उसकी अंगुलियां परिजनों को डराकर फिरौती के लिए पार्सल कर दी थी।
केस – दो : आनंदपाल गैंग का उदय झोटवाड़ा के फ्लैट में मिला आनंदपाल (
anandpal gang ) का खास गुर्गा उदय उर्फ विक्की को झोटवाड़ा स्थित एक फ्लैट से एटीएस, एसओजी, अजमेर और नागौर पुलिस ने घेर कर पकड़ा। हालांकि गैंग के अन्य कुछ सदस्य भी जयपुर के बाहरी क्षेत्र में फ्लैट लेकर रहते थे। हालांकि आनंदपाल की एसओजी-एटीएस से मुठभेड़ होने पर एनकाउंटर हो गया था। मुठभेड़ में एक कमांडों गोली लगने से घायल हो गया था।
केस – तीन : तेल चोरी गैंग का सरगना आलीशान फ्लैट से कर रहा था संचालन हरमाड़ा में हिंदुस्तान पेट्रोलिय की पाइप लाइन से करोड़ों रुपए तेल चोरी के मामले में पकड़े गए गिरोह का सरगना बलजीत भी सीकर रोड स्थित एक आलीशान बहुमंजिला इमारत के एक फ्लैट में रह रहा था। सरगना ने तेल चोरी की जगह ऐसी चिह्नित कर रखी थी कि पलभर में फ्लैट से भी निगरानी रख सके।
केस – चार : कुख्यात अपहरण गैंग सरगना ने भी चुना फ्लैट अपहरण कर फिरौती वसूलने वाली कुख्यात अपहरण गैंग ( Kidnapping gang ) को भी राजधानी का बाहरी क्षेत्र रास आया। अजमेर रोड स्थित शंकरा रेजिडेंसी में अपह्रत लोगों को रखकर टॉर्चर करना और फिरौती की रकम वसूलने वाले विक्की और उसके साथियों ने जयपुर को सुरक्षित मान अपना अड्डा यहां ही बना लिया था।
केस – पांच : अमरीकी जोएल स्टीवन की मौत हुई तो पता चला अमरीका के फ्लोरिडा निवासी जोएल स्टीवन जयपुर में अजमेर रोड स्थित ओमेक्स सिटी के नजदीक एक फ्लैट में पांच माह से रह रहा था। जयपुर में उसकी मौत होने पर पुलिस को पता चला। हालांकि वह यहां पर क्यों रह रहा था। इसकी जानकारी नहीं मिल सकी।
केस – छह : ठगी के लिए विदेशियों ने चुना बाहरी इलाका प्रताप नगर के एक फ्लैट में रह रहे चार नाइजीरियन और एक अरुणाचल की युवती ने ऑनलाइन ठगी करने के लिए जयपुर को केन्द्र बनाया। ये सभी शहर से बाहर प्रताप नगर के एक फ्लैट को सुरक्षित ठिकाना बना वारदात को अंजाम दे रहे थे।
बीट, मुखबिर और सीएलजी तंत्र कमजोर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि पुलिस का मुखबिर तंत्र लगभग खत्मसा हो गया है। जबकि बार-बार तबादले होने से बीट कांस्टेबल को भी अपने क्षेत्र की सम्पूर्ण जानकारी नहीं होती है। यह दोनों सिस्टम कमजोर होने से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। पुलिस को इन दोनों तंत्रों को मजबूत करना होगा। जबकि सीएलजी सिस्टम पुलिसकर्मियों को गाड़ी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने तक सीमित रह गया है। जबकि सीएलजी सदस्यों को भी अपने-अपने क्षेत्र के हर लोगों की जानकारी होनी चाहिए। जबकि यह तंत्र भी मीटिंग तक सीमित रह गया।
लगाएंगे अपराधियों पर लगाम
बाहरी क्षेत्रों में रात्रि में पुलिस नाकाबंदी और चैकिंग शुरू कर दी गई है। बीट कांस्टेबल और अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जानकारी जुटाएं। बाहरी व्यक्तियों की तस्दीक करें। इससे अपराधियों पर लगाम लगाई जा सके।
संतोष चालके, एडिशनल पुलिस कमिश्नर, जयपुर