जयपुर

एससी-एसटी में क्रीमीलेयर पर फंसा पेच

समता आंदोलन समिति ने कहा अधिसूचना जारी करे सरकार

जयपुरSep 29, 2018 / 01:26 am

Jagdish Vijayvergiya

जयपुर. प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार अब एससी-एसटी में क्रीमीलेयर अवधारणा पर फंसती दिख रही है। अनुसूचित जाति-जनजाति के नेताओं ने साफ कह दिया है कि उनके वर्ग में ऐसी व्यवस्था लागू नहीं हो सकती। जबकि समता आंदोलन समिति ने सरकार से कहा है कि एससी-एसटी के वंचित वर्ग को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए यह व्यवस्था लागू की जाए।
एससी-एसटी एक्ट को लेकर पिछले कुछ महीनों में बवाल मच चुका है। इस दौरान एक ओर एससी-एसटी तो दूसरी ओर गैर आरक्षित वर्ग ने आंदोलन किया। सरकार को इस मामले में बैकफुट पर आना पड़ा। अब सुप्रीम कोर्ट एससी-एसटी में क्रीमीलेयर पर वंचित वर्ग के साथ दिख रहा है, हालांकि इसे तय करने का अधिकार संसद पर छोड़ा है। ऐसे में इस पर बहस शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों के बड़े नेता इस पर मौन हैं लेकिन एससी-एसटी वर्ग के नेता मुखर होकर बयान दे रहे हैं।
इस मामले में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि उन्होंने फैसले का अध्ययन नहीं किया है। इसलिए इस पर फिलहाल कुछ नहीं कह सकते। इधर कार्मिक विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में 2011 से प्रमोशन में आरक्षण व्यवस्था लागू है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला फिलहाल विभाग में नहीं पहुंचा है। वैसे भी राज्य सरकार इसमें पार्टी नहीं थी। यदि अब कोई सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग करेगा तो सरकार विचार करेगी।
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ताकि सबको लाभ मिले
सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन मामले में क्रीमीलेयर को आरक्षण से बाहर कर दिया है। सरकार को इसकी अधिसूचना जारी करनी चाहिए। अभी इन वर्गों के महज 3-4 फीसदी लोग ही आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं। क्रीमीलेयर तय होने होने से एससी-एसटी के पिछड़े लोग आगे आ सकेंगे।
– पाराशरनारायण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, समता आंदोलन
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समीक्षा कर कमियां दूर करें सरकार
एससी-एसटी में क्रीमीलेयर लागू नहीं होता। राजस्थान में प्रमोशन में आरक्षण पहले से ही लागू है। इसमें कुछ कमियां हैं। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इसकी समीक्षा कर कमियां दूर करने के लिए सरकार को नया आदेश लागू करना पड़ेगा।
– राजपाल मीणा, प्रदेशाध्यक्ष, राष्ट्रीय पिछड़ा, अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ
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एससी के लिए उचित नहीं
एससी वर्ग के लिए क्रीमीलेयर विषय उचित नहीं है। इस वर्ग का इतना उत्थान नहीं हुआ है। शिक्षा का स्तर सुधारना बाकी है। देशभर में ऐसे स्थान हैं जहां तक इस वर्ग की पहुंच ही नहीं है। वे इस स्तर पर पहुंच जाएं तब इस पर चर्चा हो। वैसे सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सर्वोपरि है।
– ओपी माहेन्द्रा, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा
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सरकार को करना है निर्णय
राजस्थान में प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था लागू है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार को ही निर्णय करना है।
– रामकिशोर मीणा, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा

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