साइबर सुरक्षा पर पूरी दुनिया के अरबों खर्च
साइबर सुरक्षा पर पूरी दुनिया मोटी राशि खर्च कर रही है। शोध संस्था गार्टनर के मुताबिक 2018 में साइबर सिक्योरिटी पर दुनियाभर में 7.86 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए, जो 2017 की तुलना में 12.4 फीसदी ज्यादा था। 2019 में ये खर्च 8.55 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। भारत में साइबर सिक्योरिटी पर पिछले वर्ष 1.17 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जो इस वर्ष 12.5 फीसदी बढक़र 1.31 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
साइबर सुरक्षा पर पूरी दुनिया मोटी राशि खर्च कर रही है। शोध संस्था गार्टनर के मुताबिक 2018 में साइबर सिक्योरिटी पर दुनियाभर में 7.86 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए, जो 2017 की तुलना में 12.4 फीसदी ज्यादा था। 2019 में ये खर्च 8.55 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। भारत में साइबर सिक्योरिटी पर पिछले वर्ष 1.17 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जो इस वर्ष 12.5 फीसदी बढक़र 1.31 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
अमरीका व फ्रांस हुए हैकिंग के शिकार
2016 के अमरीकी चुनाव में उस वक्त की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के डेटा लीक्स के मामले में डेमोके्रटिक सरकार की काफी फजीयत हुई थी। ऐसा माना जाता है रूसी हैकर्स द्वारा चुराई गई तमाम जानकारियों का रणनीतिक रूप से इस्तेमाल किया गया, जिसका उद्देश्य डोनाल्ड ट्रंप को जिताना था। साइबर थ्रेट एलियंस इन्फॉर्मेशन शेयरिंग ग्रुप के अध्यक्ष डेनियल का कहना है कि 2017 के चुनाव में फ्रांस के राष्ट्रपति भी हैकिंग का शिकार हो गए थे। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे देशों के मामलों से सबक लेकर सावधानी बरती।
2016 के अमरीकी चुनाव में उस वक्त की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के डेटा लीक्स के मामले में डेमोके्रटिक सरकार की काफी फजीयत हुई थी। ऐसा माना जाता है रूसी हैकर्स द्वारा चुराई गई तमाम जानकारियों का रणनीतिक रूप से इस्तेमाल किया गया, जिसका उद्देश्य डोनाल्ड ट्रंप को जिताना था। साइबर थ्रेट एलियंस इन्फॉर्मेशन शेयरिंग ग्रुप के अध्यक्ष डेनियल का कहना है कि 2017 के चुनाव में फ्रांस के राष्ट्रपति भी हैकिंग का शिकार हो गए थे। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे देशों के मामलों से सबक लेकर सावधानी बरती।