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युवक एक साल तक चक्कर लगाता रहा, लेकिन नहीं सुनवाई, तंग आकर पीड़ित थाने पहुंचा

locationजयपुरPublished: Sep 18, 2019 03:54:02 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड अप्लाई करना पड़ा महंगा, कार्ड बंद होने के बाद भी चालीस हजार खाते से निकले
 

Crime

युवक एक साल तक चक्कर लगाता रहा, लेकिन नहीं सुनवाई, तंग आकर पीड़ित थाने पहुंचा

जयपुर. करधनी थाना इलाके में युवक को ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड अप्लाई करना महंगा पड़ गया। क्रेडिट लिमिट ज्यादा नहीं मिलने के कारण युवक ने कस्टमर केयर पर फोन कर कार्ड बंद करवाया। युवक निश्चिंत हो गया, अचानक एक दिन बैंक से क्रेडिट कार्ड का 40 हजार रुपए ड्यू पैमेंट जमा करवाने का फोन आया तो वह सन्न रह गया। युवक ने अपने स्तर पर पता किया तो उसके बैंक अकाउंट की डिटेल ही किसी ने बदल दी। इसके बाद युवक एक साल तक बैंक के चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसकी किसी ने सुनवाई नहीं की। तंग आकर युवक ने रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस ने बताया कि नाड़ी का फाटक बैनाड़ रोड चंद्रशेखर ने मामला दर्ज करवाया है। पीडि़त ने अप्रेल 2018 में एसबीआइ क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। कुछ दिनों बाद उसे कार्ड घर के पते पर मिला। ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान कार्ड की लिमिट डेढ़ लाख रुपए बताई गई थी, लेकिन बाद में पता चला कि लिमिट 63 हजार रुपए दी है। इस पर पीडि़त ने 13 अप्रेल-2018 को कस्टमर केयर पर फोन कर कार्ड बंद करने का निवेदन किया।
कस्टमर केयर प्रतिनिधि ने कार्ड बंद कर दिया। दो महीने बाद पीडि़त के पास कस्टमर केयर से फोन आया। उन्होंने 40 हजार रुपए ड्यू पैमेंट की बात बताई। पीडि़त के पैरों तले जमीन खिसक गई, उसने कार्ड बंद होने की बात बताई। पीडि़त ने बताया कि उसने कार्ड का इस्तेमाल ही नहीं किया। फिर खाते से रुपए कैसे निकल गए। पीडि़त का आरोप है कि विद्याधर नगर स्थित बैंक में कार्ड का स्टेटमेंट लेने गया तो वहां किसी भी तरह की सहायता नहीं की। बाद में पीडि़त ने अपने स्तर पर पता किया। पीडि़त के अकाउंट में मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी बदल दी गई है। नोएडा के किसी इम्तियाज के नाम से जानकारी बदली गई है। पीडि़त के बीस-बीस हजार रुपए दो वॉलेट अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं। एक साल तक पीडि़त बैंक में चक्कर लगाता रहा, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई।
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