5 बार में निकाले ढाई लाख
पुलिस ने बताया, एसएमएस अस्पताल में कंपाउंडर खातीपुरा निवासी अजय सिंह ने सोमवार को मामला दर्ज करवाया। पीडि़त के पास फोन आया और उसने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए एटीएम कार्ड संबंधी जानकारी मांगी। झांसे में आ पीडि़त ने उसे जानकारी दे दी। कुछ देर बाद मैसेज से पता चला कि दो बार में 49-49 हजार रुपए निकाल लिए। पीडि़त ने बैंक से संपर्क कर एटीएम कार्ड ब्लॉक करवा लिया। अगले दिन उसके खाते से फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन शुरू हो गया।
पुलिस ने बताया, एसएमएस अस्पताल में कंपाउंडर खातीपुरा निवासी अजय सिंह ने सोमवार को मामला दर्ज करवाया। पीडि़त के पास फोन आया और उसने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए एटीएम कार्ड संबंधी जानकारी मांगी। झांसे में आ पीडि़त ने उसे जानकारी दे दी। कुछ देर बाद मैसेज से पता चला कि दो बार में 49-49 हजार रुपए निकाल लिए। पीडि़त ने बैंक से संपर्क कर एटीएम कार्ड ब्लॉक करवा लिया। अगले दिन उसके खाते से फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन शुरू हो गया।
तीन बार में 49-49 हजार फिर निकाल लिए गए। पीडि़त थाने पहुंचा तो पुलिस ने बैंक के हेल्पलाइन नं. व अधिकारियों से इ-मेल पर संपर्क कर ट्रांजेक्शन रुकवाया। पुलिस की तत्परता से 1 लाख का ट्रांजेक्शन रोक लिया। मोती डूंगरी थानाधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि झारखंड के जामताड़ा व दिल्ली के बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर हुए हैं। वहीं बैंक की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं कि एटीएम कार्ड ब्लॉक करवाने के बाद भी रुपए कैसे निकाले गए?
एक लाख रुपए ठगे
चित्रकूट थाना क्षेत्र में इ-मित्र संचालक से करीब एक लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई। पुलिस ने बताया कि संजय नगर डीसीएम अजमेर रोड निवासी रमेश कुमार बामणियां ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि इ-मित्र केंद्र पर सुरेंद्र नाम का युवक उसके पास परीक्षा का फॉर्म भरवाने आया। फॉर्म भरने के बाद उसने नेटबैंकिंग के जरिए तीन सौ रुपए का पेमेंट किया। इसके बाद करीब एक लाख रुपए के अप्रूवल के लिए एक ओटीपी आया । इस पर उसने ओटीपी नहीं भेजा लेकिन ओटीपी बॉक्स अपने आप खुल गया और खाते से एक लाख रुपए कटने का मैसेज आया।
चित्रकूट थाना क्षेत्र में इ-मित्र संचालक से करीब एक लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई। पुलिस ने बताया कि संजय नगर डीसीएम अजमेर रोड निवासी रमेश कुमार बामणियां ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि इ-मित्र केंद्र पर सुरेंद्र नाम का युवक उसके पास परीक्षा का फॉर्म भरवाने आया। फॉर्म भरने के बाद उसने नेटबैंकिंग के जरिए तीन सौ रुपए का पेमेंट किया। इसके बाद करीब एक लाख रुपए के अप्रूवल के लिए एक ओटीपी आया । इस पर उसने ओटीपी नहीं भेजा लेकिन ओटीपी बॉक्स अपने आप खुल गया और खाते से एक लाख रुपए कटने का मैसेज आया।
बैंककर्मी बन किया फोन
करधनी थाना इलाके में एक महिला के बैंक खाते से लगभग एक लाख रुपए निकाले गए। थानाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि मोहन वाटिका निवासी नंदू कंवर ने रिपोर्ट दी है कि अज्ञात व्यक्ति ने बैंक कर्मचारी बनकर फोन किया और नेफ्ट के जरिए ओटीपी नंबर पूछा तो लगभग एक लाख रुपए खाते से निकल गए। सांगानेर सदर इलाके में भी कल्लावाला निवासी चेतन प्रकाश के साथ साइबर ठगी हुई है।
करधनी थाना इलाके में एक महिला के बैंक खाते से लगभग एक लाख रुपए निकाले गए। थानाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि मोहन वाटिका निवासी नंदू कंवर ने रिपोर्ट दी है कि अज्ञात व्यक्ति ने बैंक कर्मचारी बनकर फोन किया और नेफ्ट के जरिए ओटीपी नंबर पूछा तो लगभग एक लाख रुपए खाते से निकल गए। सांगानेर सदर इलाके में भी कल्लावाला निवासी चेतन प्रकाश के साथ साइबर ठगी हुई है।
थानाधिकारी मोहम्मद इस्लाम ने बताया कि पीडि़त को अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके खाता संबंधी जानकारी प्राप्त कर लगभग 30 हजार रुपए निकाल लिए। बैंक कभी भी फोन करके खाता, एटीएम व अन्य कार्ड के पासवर्ड या नंबर डिटेल नहीं पूछता। ऐसे में किसी को ये जानकारी नहीं दें। कार्ड के पीछे लिखे सीवीवी कोड किसी को नहीं बताए। ऑनलाइन शॉपिंग व बैंकिंग सार्वजनिक न करें। नेट बैंकिंग पासवर्ड व क्रेडिट कार्ड का डिटेल फोन, एसएमएस या इ-मेल पर शेयर न करें। ओटीपी नंबर किसी से भी शेयर न करें।