पीडि़त ने बताया कि शनिवार शाम करीब पांच बजे उसके पास किसी का फोन आया कि वो बैंक कर्मचारी बोल रहा है। एटीएम बदलने के लिए एटीएम नम्बर बताएं ताकि नया एटीएम बनाया जा सके। इन दिनों बैंक उपभोक्ताओं के एटीएम बदलकर चिप वाले एटीएम दे रही है। यही सोचकर उसने एटीएम नम्बर बता दिया। थोड़ी देर बाद शातिर ने कहा कि आपका एटीएम बदलने का प्रोसेस कर दिया है, एक मैसेज आएगा उसमें लिखे नंबर बताना, ऐसा कहकर ओटीपी नंबर भी पूछ लिया और नौ हजार नौ सौ रुपए खाते से निकाल लिए। फिर दोबारा ओटीपी नंबर पूछ तो मैंने पूछा कि कहीं तुम ठग तो नहीं, लेकिन शातिर ने बातों में उलझाकर झांसे में ले कुल चार बार में करीब चालीस हजार अकाउंट से निकाल लिए। जब रात को पीडि़त का बेटा रजनीश शर्मा आया तो उसे घटनाक्रम बताया। रजनीश ने फोन में खाते से रुपए निकलने का मैसेज देखा तो ठगी का एहसास हुआ। फिर वह
पिता को लेकर रात करीब नौ बजे थाने गया तो उन्होंने रविवार सुबह 12 बजे करीब आने को कहा। 12 बजे गए तो फिर यह कह दिया कि साहब शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के चलते थाने से बाहर गए हैं, बाद में आना। तीसरी बार गए तो फोन पर साइबर क्राइम देखने वाले से बात कर लिखित शिकायत ली।
पिता को लेकर रात करीब नौ बजे थाने गया तो उन्होंने रविवार सुबह 12 बजे करीब आने को कहा। 12 बजे गए तो फिर यह कह दिया कि साहब शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के चलते थाने से बाहर गए हैं, बाद में आना। तीसरी बार गए तो फोन पर साइबर क्राइम देखने वाले से बात कर लिखित शिकायत ली।