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फिर चक्रवात की आहट!

locationजयपुरPublished: Nov 08, 2019 07:11:11 pm

Submitted by:

Suresh Yadav

बुलबुल नाम का चक्रवात 9 नवम्बर तक पहुंच सकता है भारतआंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर हलचल

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जयपुर।

अभी हाल ही में महा नामक चक्रवात ने अपना असर दिखाया था। इससे कई क्षेत्र अभी उबरे भी नहीं थे कि एक नए चक्रवात की आहट शुरू हो गई है। इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘बुलबुल’ बताया जा रहा है। बुलबुल के बंगाल की खाड़ी में तेज होने के पूरे आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जल्द ही चक्रवाती तूफान बुलबुल और खतरनाक रूप ले सकता है। बुलबुल तूफान उत्तर की ओर 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से अंडमान में तेज बारिश की संभावना भी जताई जा रही है। वर्ष 2019 में अब तक देश के विभिन्न समुद्री तट 6 चक्रवात झेल चुके हैं।
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एक निजी एजेंसी स्काईमेट की ओर से जारी किए गए नए बुलेटिन में कहा गया है कि भारत इस साल 2019 में पिछले साल 2018 के सात चक्रवातों का अपना रिकॉर्ड तोड़ देगा। पिछले साल देश ने एक साल में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की मार के 33 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
स्काईमेट की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया है कि यह नया चक्रवाती तूफान 9 नवंबर से आंध्र प्रदेश और ओडिशा राज्य में अपना असर दिखा सकता है। इसे ‘बुलबुल’ नाम दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार यह 2019 का सातवां चक्रवात है। भारत में 2018 में भी सात चक्रवातों का रिकॉर्ड बना था। संभावना जताई जा रही है कि इस वर्ष चक्रवातों की संख्या 2018 में आए चक्रवातों की संख्या को पार कर सकती है।
स्काईमट के अनुसार भारत के पूर्वी तट विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच 9 से 12 नवंबर के बीच मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है।
वर्तमान में उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है। फिलहाल अभी बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी पर एक दबाव बना हुआ है। स्काईमेट ने कहा कि वर्तमान में उम्मीद की जा रही है कि पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की दिशा में सिस्टम का दबाव जारी रहेगा और आगे चलकर यह एक बड़े दबाव के बाद चक्रवात का रूप धारण कर सकता है।
चक्रवात के दबाव को कम करने के लिए समुद्री तापमान अनुकूल है। समुद्र की सतह का तापमान लगभग 29-30 डिग्री सेल्सियस है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह चक्रवात की तीव्रता के लिए उपयुक्त स्थिति है। इससे आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी वर्षा हो सकती है।
मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार उत्तर भारतीय महासागर पर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए क्षेत्रीय विशेष मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 2018 में उत्तर हिंद महासागर क्षेत्रों पर चक्रवाती गड़बड़ी की लंबी अवधि (एलपीए) औसत से आगे निकल गई। पिछले साल 14 ऐसी घटनाएं हुईं जबकि सालाना औसत 12 है। इनमें से सात उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में बदल गए। यह प्रति वर्ष 4.5 चक्रवात के औसत से बहुत अधिक है।
बात करें वर्ष 1985 की तो इस वर्ष में सात चक्रवात विकसित हुए थे। इसमें 2 चक्रवाती तूफान, 1 गंभीर चक्रवाती तूफान, 3 बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान और 1 अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान शामिल थे।
हालांकि 2017 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की संख्या लंबी अवधि के औसत से कम थी। इस साल तीन उष्णकटिबंधीय चक्रवात आए। उत्तर हिंद महासागर (यानी, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर) में पिछले दशकों के दौरान गंभीर चक्रवात आवृत्ति में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है।

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