ज्योतिषविदों के मुताबिक इस बार मानसून बेहतर होगा। अन्नदाताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मौसम विभाग के मुताबिक दिन के साथ-साथ रात सप्ताह जहां रातें ठंडी थीं। वह भी अब धीरे-धीरे गर्म होने लगी हैं। मौसम विभाग जयपुर केंद्र के निदेशक आरएस शर्मा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘यास’ का प्रदेश में कोई असर नहीं रहेगा।
कोरोना काल में लॉकडाउन के कई सुखद पहलू भी देखने को मिल रहे हैं। तीन साल में पहली बार मई के महीने में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई। राजधानी में बीते एक महीने की बात की जाए तो वायु गुणवत्ता सूचकांक 105 एक्यूआई के आसपास था, जो कि राहत की बात थी। हाल ही बारिश के चलते हवा साफ हो गई और खुला-खुला सा वातावरण ताजगी देने लगा है।
अप्रेल के पहले सप्ताह में शहर का वायु प्रदूषण का स्तर 260 के पार दर्ज किया गया। बीते साल यह 250 के आसपास था। बीते साल सख्त लाकडाउन के चलते एक्यूआई 60 के आसपास था। विशेषज्ञों की मानें तो सड़कों पर चलने वाले वाहनों की संख्या में काफी हद तक कमी रही। वाहनों से निकलने वाला धुआं बड़ा कारण भी माना जाता है। इसके साथ ही दूसरी ओर पश्चिमी विक्षोभ और तौकते तूफान के चलते लगातार बारिश का दौर जारी रहा। अजमेर, उदयपुर, जोधपुर में भी एक्यूआई 100 के आसपास दर्ज किया गया। हालांकि भिवाड़ी में एक्यूआई थोड़ा ज्यादा 170 के पार दर्ज किया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों की मानें तो अब नौतपा के चलते वायु प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ सकता है। लेकिन जून के दूसरे सप्ताह तक पहले के मुकाबले आबोहवा बेहतर रहेगी। अस्थमा मरीजों को बदलते मौसम के मिजाज का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बीते दो दिन की बात की जाए तो राजधानी जयपुर के प्रदूषण के स्तर में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बुधवार सुबह का वायु प्रदूषण का औसत स्तर 120 के आसपास पहुंच गया।
बीत दिन मंगलवार को प्रदेश में सबसे अधिक पारा बीकानेर—फलौदी का पारा 43.6, पाली का 43.5, करौली का 42, चूरू का 42, जैसलमेर का 42.2, अलवर का 40.1, वनस्थली का 40.4, जयपुर का 39.8, पिलानी का 40.3, कोटा का 41.2, बूंदी का 42.4, बाड़मेर का 42.5, गंगानगर का 41.8, सीकर का 39 डिग्री सेल्सियस पारा दर्ज किया गया।