जयपुर

छठ पूजा आज: घरों से ही जलकुंड में खड़े होकर मांगेंगे खुशहाली का वरदान

छठ मैया की भक्ति में सरोबार होगी आज शाम को राजधानी

जयपुरNov 20, 2020 / 01:39 pm

SAVITA VYAS

छठ पूजा आज: घरों से ही जलकुंड में खड़े होकर मांगेंगे खुशहाली का वरदान

जयपुर। सूर्य उपासना के चार दिवसीय छठ पूजा महापर्व के तहत आज मुख्य छठ पूजा हो रही है। घरों में इसके लिए विशेष तैयारियां इस बार की गई है। कोरोना के मद्देनजर पहली बार पूर्वी उत्तरांचल के मूल निवासियों की गलता तीर्थ में भीड़ नहीं उमड़ेगी। शाम को अस्ताचलगामि सूर्य को पहला अघ्र्य दिया जाएगा। इसके लिए ठेकुआ प्रसाद खास तैयार किया गया है। खासतौर पर इस बार घरों से छठ मैया की पूजा-अर्चना की जा रही है। वहीं कृत्रिम जलाशय भी तैयार किए गए हैं। इससे पूर्व गुरुवार को समाजबंधुओं ने बांस के बने हुए टोकरी व सूप की खरीदारी की। दिनभर निर्जला रहकर रात को एक बार खीर रोटी से पूजा कर खरना किया। खरना में केला के पत्ते पर कच्चा चावल से बनी खीर, तुलसी के पत्ते आदि रखकर भगवान सूर्य देव छठी मईया को भोग लगाया गया। रविवार सुबह उगते सूर्य को दूसरा अघ्र्य अर्पित किया जाएगा। इसके साथ ही 36 घंटे के व्रत का समापन होगा। कानोता बांध, सांगानेर, बिंदायका, बैनाड़ रोड, सीतापुरा व झोटवाड़ा में भी समाजजन सूर्यदेव को अघ्र्य देंगे।
दीर्घायु की करेंगे कामना
बच्चों से लेकर बुजुर्ग छठ मैया की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड प्रवासी लोग घरों में कुंडों में खड़े रहकर अस्त होते सूर्य को सुख समृद्धि के लिए अघ्र्य देंगे। उपासना के बाद छठ माता की पूजा कर बच्चों की दीर्घायु की कामना की जाएगी। कर्मभूमि प्रवासी प्रकोष्ठ बिहार विंग के संजय सिंह ने बताया कि शनिवार को उगते सूर्य को अघ्य्र देकर 36 घंटे का व्रत पूरा होगा।
बनाए कृत्रिम जलाश्य

बिहार यूपी संयुक्त महासभा के मुख्य सलाहकार रिपुन्जय शर्मा ने बताया कि लोगों ने बांस के डाले में ठेकुआ, गन्ना, केला, नींबू, मूली, पकवान सहित अन्य पूजा सामग्री रखकर छठ माता की पूजा की जाएगी। कृत्रिम जलाशयों में खडे़ होकर अस्त होते सूर्य को अघ्र्य जाएगा। भोजपुरी व मेथली में भजन गाए जाएंगे। व्रती लोग जलकुंड में खड़े होकर छठी मैया से खुशहाली का वरदान मांगेंगे। व्रतियों के घर पहुंचने पर बेटियां और बहु परात में पानी लेकर व्रतियों के चरण और उनसे आशीर्वाद लेंगी। नई शादीवाले घरों में व्रतियों ने कोशिया भी भरा जाएगा।
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