Chhath Puja 2020: 18 नवंबर को नहाय-खाय से प्रारंभ होगा छठ महापर्व, इस दिन होगी मुख्य पूजा सांध्य अर्घ्य
सूर्य पूजन के महापर्व छठ पूजा की 18 नवंबर से शुरुआत हो रही है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस बार 4 दिवसीय छठ पर्व की मुख्य पूजा 20 नवंबर को होगी। महापर्व दीपावली के 6 दिन बाद छठ उत्सव मनाया जाता है जिसमें सूर्य देव की पूजा की जाती है।

जयपुर. सूर्य पूजन के महापर्व छठ पूजा की 18 नवंबर से शुरुआत हो रही है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस बार 4 दिवसीय छठ पर्व की मुख्य पूजा 20 नवंबर को होगी। महापर्व दीपावली के 6 दिन बाद छठ उत्सव मनाया जाता है जिसमें सूर्य देव की पूजा की जाती है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा की जाती है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी पूजा या डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कठिन व्रत रखा जाता है जिसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस दिन घर में प्राय: कद्दू की सब्जी बनाई जाती है। अगले दिन खरना होता है जिस दिन से उपवास प्रारंभ होता है।
इस दिन छठी माई के प्रसाद के रूप में खासतौर पर ठेकुआ— घी और आटे का पकवान बनाया जाता है। गुड़ की खीर, चावल, दूध के पकवान भी बनाते हैं और फल, सब्जियों से पूजा की जाती है। तीसरा दिन सबसे अहम होता है। इस दिन नदी, तालाब में खड़े होकर संध्या अर्घ्य यानि डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अगले दिन पूजा के साथ पर्व समाप्त होता है।
छठ माता को सूर्य की बहन मानते हैं। मान्यता है कि सूर्य आराधना से प्रसन्न होकर छठ माता सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं। इस वर्ष 18 नवंबर को नहाय खाय से पर्व प्रारंभ होगा. 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 21 नवंबर को उषा अर्घ्य के साथ छठ पर्व का समापन होगा।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज