scriptव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ आस्था के साथ पूरी की तपस्या | Dala chatth festival celebrated at Galta | Patrika News

व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ आस्था के साथ पूरी की तपस्या

locationजयपुरPublished: Nov 14, 2018 01:10:45 am

Submitted by:

Rajkumar Sharma

छठ माता के मंगल गीत गाती महिलाएं और अस्त होते सूर्य को अर्घ के साथ ही पूजा-अर्चना के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का रैला। कार्तिक शुक्ल पक्ष की छष्ठी के मौके पर मंगलवार को सूर्य आराधना के महापर्व डाला छठ के दौरान गलता तीर्थ में ऐसा ही नजारा देखने को मिला।

Jaipur

व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ आस्था के साथ पूरी की तपस्या

जयपुर. डाला छठ के मौके पर गलता तीर्थ में यूपी, बिहार, पूर्वांचल व झारखंड मूल के लोगों ने अस्त होते सूर्य को अर्घ दिया। साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की। सूर्य की उपासना के बाद श्रद्धालुओं ने छठ मैया की पूजा कर बच्चों के दीर्घायु होने का आशीर्वाद मांगा। वहीं गंगा आरती के दौरान लोगों की आस्था देखते ही बनी। शाम को आतिशबाजी के चलते गलता में दिवाली सा नजारा दिखा। यहां हुए मुख्य आयोजन के दौरान दिनभर मेले सा माहौल रहा।
उधर, डाला छठ पूजा महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेश पंडित ने बताया कि बुधवार को उगते सूर्य को अर्घ दिया जाएगा, इसके साथ ही 36 घंटे का व्रत पूरा होगा।
गलता तीर्थ में छठ का मेला भरा
गलता कुंड में लोगों ने बांस के डाले में ठेकुआ, गन्ना, केला व पकवान सहित अन्य पूजा सामग्री रखकर छठ माता की पूजा की।
वहीं कानोता बांध के अलावा निवारू रोड, दहलवास बालाजी, आमेर, झोटवाड़ा, बिंदायका, सांगानेर आदि जगहों पर बनाए गए कृत्रिम जलाशयों में श्रद्धालुओं ने अस्त होते सूर्य को अघ्र्य दिया। वहीं, गलता में रातभर छठ का मेला भरा। यहां भोजपुरी और मैथिली भाषा के भजनों पर श्रद्धालु आस्था में लीन होकर थिरकते रहे।
उधर, बिहार यूपी संयुक्त महासभा के मुख्य सलाहकार रिपुन्जय शर्मा ने बताया कि कानोता में भी छठ के उपलक्ष्य में कार्यक्रम हुआ।
इससे पूर्व डाला छठ के दूसरे दिन सोमवार को राजधानी में रह रहे बिहार, उत्तरप्रदेश और झारखंड के मूल निवासियों ने खरना व्रत शुरू किया। इस दौरान उन्होंने पवित्र बांस के पात्र डाला, सूप आदि की खरीददारी की। साथ ही बुजुर्गों ने नौनिहालों को छठी मैया का महत्व बताया।
वहीं, सोमवार शाम दीपक जलाकर खीर, रोटी, केला आदि का भोग लगाया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद उनका निर्जल उपवास शुरू हो गया, जो कि बुधवार सुबह तक चलेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो