सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ पर आज त्यागी व्रतियों ने उगते सूरज को अर्घ्य अर्पित किया। शहर में गलता तीर्थ सहित कई जगहों पर बिहार समाजबंधु और उत्तरांचल के श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया।
बिहार, झारखंड और पूर्वांचल मूल के प्रवासी श्रद्धालुओं ने 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा। गलता तीर्थ, कानोता बांध, किशनबाग व दुर्गा विस्तार कॉलोनी आदि जगहों पर मेले का माहौल रहा।
गलता पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में मेले का आयोजन हुआ। लोगों ने उगते सूर्य को अघ्र्य अर्पित किया। सूरज उगने से पहले ही श्रद्धालु गलता कुंड पर पहुंच गए।
सूरज उगने के इंतजार के बीच छठ मैया और सूरज भगवान के गीत गाए। इससे पहले समाजबंधु रातभर गलता तीर्थ में जुटे रहे। यहां रात को जागरण व भक्ति संगीत का आयोजन हुआ।
डाला छठ पर्व को लेकर उत्साह का माहौल नजर आया। रात को कोसी भरने का परंपरा भी साकार हुई, इसमें मिट्टी के हाथी, कलश के सामने पंचमुखी दीपक जलाकर महिलाओं ने छठ माता का गुणगान किया।
श्रद्धालुओं ने बांस की टोकरी और सूप में प्रसाद स्वरूप ठेकुआ, गन्ना, गागर (बड़ा नीबू), नाशपाती, सेव, केला, हल्दी, अदरक, मूली, नारियल, केराव, पान, सुपारी और मिठाई रखकर उगते सूरज को दूसरा अर्घ्य अर्पित किया।