आंख मूंदे बैठा है विभाग, जनता भुगत रही खामियाजा
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भवनेश गुप्ता/जयपुर. राजधानी में पानी के आधे से ज्यादा मीटर खराब पड़े होने के बावजूद उपभोक्ताओं को मनमाने बिल थमाए जा रहे हैं। शहर में 4.23 लाख पेयजल कनेक्शन हैं, जिनमें से 2.61 लाख उपभोक्ताओं के यहां मीटर का संचालन लगभग बंद है। ऐसे में कार्यालय में बैठकर ही मनमानी राशि तय कर उपभोक्ताओं को ठगा जा रहा है। पिछले छह माह से पेयजल सप्लाई में 30 फीसदी तक कटौती हो रही है। इसके बावजूद औसत राशि के बिल भेज रहे हैं। बीसलपुर बांध में पानी की कमी से पिछले वर्ष 28 अगस्त से पेयजल कटौती शुरू हुई। पहले 440 करोड़ लीटर पेयजल रोजाना मिल रहा था, जो घटकर 310 लाख लीटर रह गया।
यों काटी जा रही जेब
- पिछले वर्ष सालभर की कुल बिल राशि 2500 रही तो औसत बिल के नाम पर 200 रुपए प्रति माह शुल्क अंकित किया जा रहा है। जबकि, सर्दी में यही बिल राशि 30 से 35त्न तक कम होती रही है।
- जहां पानी की खपत पहले ज्यादा थी पर अब कम हो गई, उनको भी ज्यादा बिल राशि चुकानी पड़ रही है। हालांकि, कुछ मामलों में पेयजल उपभोग बढऩे की संभावना रहती है।
केवल एक मिस्त्रीखाने के भरोसे खराब मीटर
खराब मीटर को सुधारने तक के लिए विभाग के पास पूरे संसाधन नहीं हैं। पहले शहर में तीन जगह मीटर सुधारने की लैब थी, जो अब एक ही रह गई है। चारदीवारी में मिस्त्रीखाना में खराब मीटर को सुधारा जा रहा है, लेकिन संख्या के अनुपात में स्टाफ नहीं है। यहां हर दिन केवल 50 मीटर तक ही सुधार पा रहे हैं। पहले मानसरोवर में कावेरी पथ पर भी कारखाना संचालित था, जिसे बंद कर दिया गया।
6 साल से नए मीटर ही नहीं
वर्ष 2012 के बाद नए मीटर की खरीद हुई ही नहीं, जबकि मीटर खराब होने की संख्या हर साल बढ़ती गई। अब अमृत योजना के तहत खराब मीटर बदलने का दावा किया जा रहा है लेकिन इसकी मियाद भी फिलहाल निर्धारित नहीं है।
जल्द निकालेंगे समाधान: एसीई
(एसीई देवराज सोलंकी से सवाल)
प्र. औसत बिल भेजकर ज्यादा राशि क्यों ली जा रही है?
जवाब : अभी मीटर रीडर कम हैं, हो सकता है कुछ जगह रीडिंग नहीं ली जा रही हो। लेकिन औसत बिल का आकलन भी पिछले बिलों की राशि के आधार पर ही किया जाता है।
प्र. पिछले छह माह से 30 फीसदी पेयजल कटौती है फिर भी जनता ज्यादा बिल क्यों चुकाए?
जवाब : हमारा फोकस उपभोक्ता संतुष्टि रही है। इस मामले में जल्द ही समाधान निकालेंगे।
प्र. क्या खराब मीटर बदलेंगे और मीटर रीडर की संख्या बढ़ाएंगे?
जवाब : बिल्कुल, जल्द काम देखने को मिलेगा।
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