पायलट प्रश्नकाल में विधायकों के इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ से नाहरावाली सड़क की कुल लंबाई 20 किलोमीटर है, जिसमें से 10 किलोमीटर का कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष 10 किलोमीटर का कार्य पीएमजीएसवाई (तृतीय) में स्वीकृत किया गया है और इस वर्ष शेष 10 किमी का कार्य भी पूर्ण करा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में लगभग 15 प्रतिशत क्षतिग्रस्त सड़कों को चिन्हित किया गया है। अनूपगढ़ में आरओबी का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस सड़क पर आरओबी के निर्माण कार्यों की सामग्री लेकर बड़े-बड़े ट्रक व ट्रोलों की आवाजाही के कारण इससे 4 किमी तक की सड़क अधिक क्षतिग्रस्त हुई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एनएचएआई से बात कर प्राथमिकता के आधार पर इस मुख्य सड़क की मरम्मत कराए और अगले वित्तीय वर्ष में अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अधिक से अधिक क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी।
इससे पहले विधायक संतोष के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पायलट ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र अनूपगढ़ की क्षतिग्रस्त सड़कों को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार नवीनीकरण करवाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की तहसीलवार सूची सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र अनूपगढ़ में जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर 500 या 500 से अधिक आबादी के गांवों को आगामी चार वर्षों में चरणबद्ध तरीके से सड़क से जोड़ा जाएगा।
पायलट ने बताया कि 500 से कम आबादी के गांवों को डामर सड़क से जोडना राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं पारस्परिक प्राथमिकता पर निर्भर करेगा। उन्होंने इसका एवं मुख्यालय अनूपगढ़ से नाहरावाली क्षतिग्रस्त सड़क का नवीनीकरण एवं प्रस्तावित कार्य का विवरण तथा विधानसभा क्षेत्र अनूपगढ़ में जनवरी 2017 से दिसम्बर 2019 तक क्षतिग्रस्त सड़कों पर किये गये कार्यों का तहसीलवार व्यय सहित विवरण सदन के पटल पर रखा।