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बांध बन गए गांव के लिए नासूर

locationजयपुरPublished: Sep 26, 2019 05:02:32 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

शहर से नजदीकी बन गई दंशबरसात के पानी से बर्बाद हुआ गांवबांध बन गए गांव के लिए नासूरबांध का पानी खेत में, फसलें चौपट
 

बांध बन गए गांव के लिए नासूर

बांध बन गए गांव के लिए नासूर

सीकर शहर के नजदीक बसावट नानी गांव के लिए लोगों के लिए भारी परेशानी का सबब बन गई है। सीकर शहर का सारा गंदा पानी इसी गांव में जाकर एकत्र होता है। जिसे आबादी में जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने दो बांध तो बनाए हैं लेकिन, यह बांध ही अब गांव के लिए नासूर बन गए हैं। पेश है मामले में एक रिपोर्ट
यह है नानी गांव। सीकर शहर से नजदीकी इस गांव के लिए दंश बन गई है। वजह है सीकर शहर की गंदे पानी की निकासी इसी गांव में होती है। हालांकि आबादी क्षेत्र में इस पानी को जाने से रोकने के लिए गांव में दो बांध बने हुए हैं, लेकिन, बरसात के दिनों में ओवर फ्लो होने पर बांध के दरवाजे खोलने पड़ते हैं, जिससे यह सारा पानी गांव के रास्ते पर आ जाता है। पहले तो गांव वाले इस पानी के सडक़ किनारे चलते रहने की वजह से नजरअंदाज या छोटी मोटी शिकायतें प्रशासन से करते रहे, लेकिन, इस बार तो पानी मानो गांव में तबाही के रूप में आया। सीजन की भारी बरसात के बीच जहां बांध के दरवाजे बार बार खोल दिए गए, तो दो बार गांव के नजदीक स्थित बांध भी टूट गया। अब चूंकि गांव में इसी साल नई सडक़ का निर्माण भी हो चुका था। ऐसे में सडक़ किनारे पानी बहने की पुरानी व्यवस्था खत्म होने पर सारा पानी गांव के खेतों में भर गया। इससे करीब 20 से ज्यादा खेत पानी से लबालब होकर सारी फसलों को चौपट कर गए। आलम यह रहा कि कई खेतों में तो घास के तिनके तक नहीं बचे। ऐसे में गांव के किसानों में जहां आक्रोश है। वहींए उन्होंने मुआवजे के साथ समस्या के स्थाई समाधान की मांग भी उठा दी है।
खेतों में पानी भराव से गांव में रिजके के अलावा बाजरा, मोठ और ग्वार सरीखी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों की मानें तो केमिकल युक्त गंदे पानी से आने वाले तीन चार साल तक खेत में फसल उत्पादन प्रभावित होगा। जिससे उनकी रोजी रोटी पर भी संकट गहरा गया है, लेकिन, बार बार की गुहार के बाद भी शासन या प्रशासन में किसी भी स्तर पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। मुद्दा गहराने पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के कहने पर प्रशासनिक अधिकारी जरूर मौके पर पहुंचे, लेकिन, उन्होंने भी बांध का दरवाजा बंद कर गांव में पानी रोकने का अस्थाई समाधान ही किया। भारी बरसात में ओवर फ्लो होने या बांध का दरवाजा खोलने पर फिर यह समस्या गहरा सकती है।
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