परिवाद में राजेश चौधरी, जुल्फिकार, सत्यनारायण, निसार खान, नरेश शर्मा, सुभाष गोदारा, अरविंद भारद्वाज, बद्रीप्रसाद, सुरेन्द्र सिंह, जगराम, सरदार सिंह, अरशद अली, ए. पौन्नुचामी, मुंशीलाल, अरविंद कुमार जैन, राजेन्द्र सिंह, शेर सिंह पूनिया, राजाराम मिल, अजय कुमार जैन, प्राक्रम सिंह, शीशराम, सुमेर सिंह व रोशन सिंह पर आरोप लगाए गए हैं।
सीबीआई को दिए थे बयान परिवादी के अधिवक्ता एसएस पूनिया ने न्यायालय को बताया कि परिवादी की मां ने सीबीआई एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष सही बयान दिए थे। बाद में ट्रायल के दौरान जब आरोपियों को सजा होने की संभावना नजर आई तो आरोपियों ने उसकी मां को डराया-धमकाया और प्रलोभन देकर के उसके बयान बदलवाए। आरोपियों ने उसके घर के अधूरे निर्माणकार्य को पूरा करवाया और बाद में उसमें बची रकम को लेकर शीशराम व सुमेर के बीच विवाद भी हुआ था। शीशराम की बाद में मृत्यु भी हो गई।