सबसे ज्यादा चर्चित आरोपी-
असीमानंद इस मामले का सबसे ज्यादा चर्चित आरोपी था। वह समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद विस्फोट केस में भी आरोपी था। उसने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान में अपराध स्वीकार किया था और इस साजिश में शामिल दूसरे लोगों का खुलासा भी किया था। लेकिन,असीमानंद कोर्ट में पलट गया और इकबालिया बयान एनआईए के दबाव में देना बताया। वह बाकी दो मामलों में भी बरी हो चुका है।
यह है मामला-
11 अक्टूबर,2007 को अजमेर की सूफी ख्वाजा मोईनुद्वीन चिश्ती की दरगाह में बम विस्फोट हुआ था। विस्फोट से तीन लोग मारे गए और १७ घायल हो गए थे। तीन साल बाद 2010 में राज्य की एटीएस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साल 2011 में इस मामले को एनआईए को सौंप दी थी। केस की ट्रायल जयपुर की विशेष एनआईए कोर्ट में हुई। मार्च 2017 में कोर्ट ने तीन आरोपियों को दोषी माना। इनमें से एक आरोपी सुनील जोशी की मृत्यु होने के कारण दो आरेापी देवेन्द्र गुप्ता व भावेश पटेल को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था। दोनों आरोपियों ने सजा के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने अगस्त 2018 में दोनों की सजा स्थगित करके जमानत पर रिहा कर दिया था। कोर्ट नबकुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद सहित हर्षद सोलंकी,चन्द्रशेखर लेवे,मुकेश वासानी, लोकेश शर्मा,मेहुल उर्फ मफत भाई और भरत मोहन रतेश्वर को संदेह का लाभ देकर बरी कर चुकी है।