पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 29 दिसंबर को शाम 7.55 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त— 30 दिसंबर को रात 8.59 बजे
दत्त पूर्णिमा— 29 दिसंबर को
स्नान दान पूर्णिमा— 30 दिसंबर को
जयपुरPublished: Dec 28, 2020 08:33:47 pm
deepak deewan
सनातन धर्म में मार्गशीर्ष यानि अगहन पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव और चंद्रदेव की उपासना का है। इसके साथ ही पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की भी पूजा का विधान है। पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा की परंपरा है। सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा करने सें दुख दूर होते हैं, सुख प्राप्त होने लगते हैं।
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