आइपीएस अग्रवाल पर आरोप है कि दौसा एसपी रहते हुए उन्होंने दलाल नीरज मीणा के जरिए हाइवे निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों से रिश्वत मांगी थी। इनमें एक कंपनी ने 31 लाख रुपए देने की बात कही थी। डीजी बीएल सोनी ने बताया कि आइपीएस मनीष अग्रवाल के खिलाफ दूसरी कंपनी ने प्रति माह बंधी के 4 लाख रुपए और कंपनी के खिलाफ दर्ज होने वाली प्रति एफआइआर को रफा दफा करने के बदले में 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।
उक्त कंपनी ने यह भी शिकायत की थी कि दलाल नीरज मीणा प्रति माह 4 लाख रुपए के हिसाब से 7 माह के 28 लाख रुपए दौसा पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के लिए मांग रहा है। कंपनी प्रतिनिधि को आरोपी दलाल ने दौसा एसपी आवास के नजदीक आइपीएस मनीष अग्रवाल से मुलाकात भी करवाई थी। एसीबी की टीम आइपीएस मनीष अग्रवाल के मालवीय नगर मॉडल टाउन स्थित सरकारी आवास पर सर्च करने में जुटी थी।
एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि करीब 20 दिन पहले 13 जनवरी को दौसा के लालसोट रोड पेट्रोल पंप संचालक दलाल नीरज मीणा को गिरफ्तार किया, तभी आइपीएस अग्रवाल के खिलाफ सबूत जुटाने की कार्रवाई की जा रही थी। पुख्ता सबूत होने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दलाल नीरज को गिरफ्तार करने के बाद एफआइआर में तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल को नामजद किया था।
कंपनी प्रतिनिधियों के 164 के बयान करवाए एसीबी ने आइपीएस अग्रवाल को गिरफ्तार करने से पहले हाइवे निर्माण कंपनी प्रतिनिधियों के 164 के बयान भी दर्ज करवाए, जिसमें उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा काफी परेशान करने पर एसपी अग्रवाल से मिलते, तभी एसपी अग्रवाल दलाल नीरज से मिलने की नसीहत दे देते थे और दलाल नीरज एसपी अग्रवाल के लिए बंधी वसूलता था।