यह भी बताया जाता है कि उक्त हाइवे राजस्थान के सात जिलों से होकर निकल रहा है। लेकिन हाइवे निर्माण कंपनी को दौसा में ही रिश्वत के लिए सबसे अधिक परेशान किया जा रहा था। उधर, एसीबी गिरफ्तार एसपी मनीष अग्रवाल, एसडीएम पिंकी मीणा और पुष्कर मित्तल के खिलाफ अब कागजी कार्रवाई में जुटी है। एसीबी अभी भी कई सबूत जुटा रही है।
एसपी-कलक्टर एक साथ जेल में सरकारी महकमों में इसकी भी खूब चर्चा है कि राजस्थान में पहली बार ऐसा हुआ है जब एक जिले का कलक्टर और एक जिले का एसपी रिश्वत प्रकरण में एक साथ जेल में रह रहे हैं। हालांकि दोनों अलग-अलग जेल में बंद हैं।
एसीबी अधिकारी के खिलाफ जांच के लिए प्रार्थना पत्र आईपीएस मनीष अग्रवाल ने एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर 164 के बयान लीक करने वाले अधिकारी की जांच कर कार्रवाई की मांग की है। प्रार्थना पत्र में कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्वामी चिन्मयानंद के मामले में कहा था कि चार्जशीट दाखिल होने तक बयान सार्वजनिक नहीं किए जा सकते हैं। इसके बाद भी जानबूझकर जांच अधिकारियों ने बयानों को सार्वजनिक किया। इसकी वजह से उनकी प्रतिष्ठा का ठेस पहुंचाई जा रही है। प्रार्थना पत्र पर सोमवार को सुनवाई होगी। आईपीएस मनीष अग्रवाल ने एसीबी ने बीते दिनों गिरफ्तार किया था। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद कोर्ट ने अग्रवाल को 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। इसी के साथ अग्रवाल की ओर से जमानत याचिका भी दायर की गई है जिस पर भी आने वाले सप्ताह में सुनवाई होगी।