‘व्यक्तिगत लांछन से आहत, आरोप असहनीय’
रेलवे गैंगमेनों से संवाद करते हुए सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि बयान को लेकर जिस तरह से सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत लांछन लगाए जा रहे हैं उससे वे स्वयं आहत हैं। साथ ही ये भी कहा कि ये आरोप सहन करने योग्य नहीं है, पर क्योंकि अपमान सहन करने वाला ही पापी होता है, इसलिए अपमान को सहन नहीं करूंगी और आपके अपमान को भी गिरने नहीं दूंगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर किसी तरह के बहकावे में नहीं आकर इस मामले पर हो रहे संवाद को समाप्त करने की आपील की।
सांसद ने गैंगमेनों का मनोबल बढाते हुए कहा कि भारत की रेल सेवा सिर्फ इंजीनीयरों या बड़े अधिकारियों से ही नहीं चलती बल्कि इसे सुरक्षित चलाने के पीछे रेलवे गैंगमेनों का ही कर्त्तव्य और उनकी मेहनत है।
बयान पर सफाई देते हुए दौसा सांसद ने कहा कि वे रेलवे की स्थाई कमेटी की सदस्य हैं और ग्रुप-डी वर्ग कार्मिकों के सशक्तिकरण, उन्नति और सम्मान के लिए हमेशा अपनी आवाज़ उठाती रहीं हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे गैंगमेनों की पीढा को वे बेहतर समझती हैं। यही वजह है कि अब तक 300 से ज़्यादा डिजायर वे कर चुकी हैं। उन्होंने आगामी लोकसभा सत्र में ग्रुप-डी के मुद्दे उठाने को लेकर भी आश्वस्त किया।
दौसा सांसद ने कहा कि कुछ लोग अप्रत्यक्ष रूप से लाभ लेने के लिए सोशल मीडिया के सहारे लोगों को भ्रमित करना चाह रहे हैं। हालांकि राजनीतिक जीवन में उकसाना और पैंतरेबाजी का होना साधारण सी बात है, पर मैं पिछले लगभग 40 साल से समाज की उन्नति के लिए लगी हुई हूँ और आगे भी इसे जारी रखूंगी।
सांसद जसकौर के एक ही कार्यक्रम में दो अलग-अलग विवादित बयान से मामले ने तूल पकड़ा हुआ है। रेलवे गैंगमेनों को लेकर दिए बयान पर तो उन्होंने सफाई दे दी, पर अपने दूसरे विवादित बयान को लेकर उनकी अब तक चुप्पी सधी हुई है। दरअसल, एक बयान में उन्होंने समाज के एक वरिष्ठ नेता के सन्दर्भ में बिना नाम लिए आपत्तिजनक शब्द कहे थे। इसे राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के परिप्रेक्ष्य में लेते हुए किरोड़ी समर्थकों के बीच आक्रोश व्याप्त हो गया।