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आफत का दिनः कर्मचारियों की हड़ताल से कामकाज हुआ ठप तो वहीं फिर सामूहिक अवकाश पर चले गए धरती के भगवान

locationजयपुरPublished: Dec 08, 2017 01:00:52 pm

Submitted by:

rajesh walia

सरकारी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर, सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप, प्रदेश में सेवारत डॉक्टर्स आंदोलनरत, अस्पतालों में इलाज के लिए भटकते रहे मरीज

 Day of disaster: doctors, employees and school lecturers on Mass Strike
जयपुर। आज आप भगवान से दुआ करें की आप बीमार ना हो और आपका किसी सरकारी कार्यालय में कोई काम भी नहीं पड़ना चाहिए खैर बच्चों की स्कूलों से पहले ही छुट्टी हो चुकी है वजह आज धरती के भगवान यानि डॉक्टर्स और सरकारी कार्यालयों के मालिक मतलब कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर चले गए हैं इसी के साथ स्कूल लेक्चरार भी हड़ताल पर है। डॉक्टर,कर्मचारी और स्कूल लेक्चरार के सामूहिक हड़ताल पर जाने से आज प्रदेशवासियों के लिए आफत का दिन बन गया है इस पर शनिवार और रविवार के अवकाश की वजह से आने वाले दो दिन भी सरकारी कार्यालय बंद ही रहेगें ऐसे में अब सरकारी कार्यालय में आपको कोई काम है तो आपको सोमवार को ही जाना होगा।
कर्मचारी हड़ताल सात सूत्रीय मांगपत्र के समर्थन में प्रदेश के राज्य कर्मचारी आज सामूहिक अवकाश पर हैं। संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक आयुदान सिंह कविया एवं सहसंयोजक गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारियों ने एक दिन के सामूहिक अवकाश को लेकर विभागाध्यक्ष को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर दिया है। राठौड़ ने बताया कि यदि सरकार ने कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी तो आगामी 11 दिसंबर को जयपुर सहित सभी जिला मुख्यालयों पर 48 घंटे का अनशन किया जाएगा। 12 दिसंबर को सभी कार्यालयों में कर्मचारी पेन डाउन कार्य का बहिष्कार करेंगे। 13 दिसंबर को मध्यांतर के बाद सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजेंगे।
आपको बता दें कि आज ग्राम सेवक, राज्य बीमा राज्य केंद्रीय मुद्रणालय, समाज कल्याण, जेडीए, पर्यटन, पेंशन, वित्त, आबकारी व परिवहन विभाग, आवासन मंडल, सहकारिता विभाग, मोटर गैरेज, वन विभाग, स्वास्थ्य भवन, मेडिकल कॉलेज एवं शिक्षा संकुल आदि विभागों के कर्मचारी की सामूहिक अवकाश पर हैं। जिसकी वजह से इन सभी कार्यालयों में कमोबेश सभी काम ठप है और लोगों केा परेशानी हो रही है।

गौरतलब है कि सेवारत डॉक्टर्स सात दिन की हड़ताल के बाद 12 नवंबर को सरकार के साथ हुए एमओयू की पालना नहीं होने से आक्रोशित हैं वहीं दूसरी तरफ राज्य कर्मचारियों ने सात सूत्री मांगों को लेकर आज सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी सरकार को दे दी है। सेवारत चिकित्सकों के छह दिन के अल्टीमेटम की समय सीमा गुरूवार शाम को खत्म हो गई। अल्टीमेटम के दौरान मांगे नहीं माने जाने से खफा सेवारत चिकित्सकों ने आंदोलन को उग्र रूप देते हुए आज प्रदेशभर सेवारत चिकित्सक एक दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए। इससे जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई वहीं मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। मरीज इलाज की आस में आज सुबह आउटडोर समय में अस्पताल पहुंचे तो उनको एक ही जवाब मिला कि आज डॉक्टर छुट्टी पर हैं।
उधर चिकित्सा मंत्री ने सेवारत चिकित्सकों के खिलाफ सख्त रूख कर लिया है। आज चिकित्सकों के अवकाश पर चले जाने के कारण सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरियों में इलाज के लिए पहुंचे मरीज परेशान होकर वापस लौट गए। चिकित्सकों के सामूहिक अवकाश को लेकर चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने डॉक्टर्स के अवकाश मंजूर नहीं करने व सेवारत चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। इसके अलावा सामूहिक अवकाश पर रहने वाले चिकित्सकों का वेतन सरकार ने काटने की तैयारी कर ली है।
अखिल राजस्थान सेवारत डॉक्टर्स संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को सभी 10 हजार डॉक्टर्स सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और यदि सरकार ने सख्ती की तो अनिश्चितकालीन आंदोलन का रुख करेंगे। वहीं दूसरी तरफ राज्यकर्मियों ने वेतन विसंगतियों समेत अन्य मांगों को लेकर आज सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा कर दी। आज सरकारी कार्यालयों में राज्यकर्मियों की उपस्थिति नगण्य रही। राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक आयुदान सिंह ने बताया कि उनकी सातवें वेतनमान सहित कई मांगों पर राज्य सरकार गंभीरता से निर्णय नहीं ले रही है।

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