scriptबेखौफ मौत का कारोबार, 20 रुपए गिलास और 80 रुपए बोतल में आसानी से उपलब्ध हथकढ़ शराब | deaths due to poisonous liquor in Bharatpur at Rajasthan | Patrika News

बेखौफ मौत का कारोबार, 20 रुपए गिलास और 80 रुपए बोतल में आसानी से उपलब्ध हथकढ़ शराब

locationजयपुरPublished: Jan 16, 2021 11:17:37 am

Submitted by:

santosh

भरतपुर जिले में जहरीली शराब से आधा दर्जन से अधिक मौतों के बाद भी राजधानी के पास ही ग्रामीण इलाकों में अवैध देसी हथकढ़ बन रही है।

desii_wine.jpg

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। भरतपुर जिले में जहरीली शराब से आधा दर्जन से अधिक मौतों के बाद भी राजधानी के पास ही ग्रामीण इलाकों में अवैध देसी हथकढ़ बन रही है। शहर से महज 25-30 किलोमीटर क्षेत्र में बस्सी व जमवारामगढ़ उपखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों और ढूंढ नदी बहाव क्षेत्र में अवैध शराब की भट्टियां बेखौफ संचालित हो रही हैं। यहां ग्राहक को 20 रुपए गिलास और 80 रुपए बोतल के हिसाब से आसानी से हथकढ़ मिल जाती है। पेश है रिपोर्ट-

खेत, नदी बहाव क्षेत्र में बनाते हैं
ज्यादातर स्थानों पर खेतों में और नदी के बहाव क्षेत्र, चरागाह में हथकढ़ शराब बनाई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बकल, गुड़, गंदे पानी की शराब बहुत मात्रा में बना रहे हैं।

इन स्थानों पर हो रहा कारोबार
– बस्सी इलाके में फालियावास नदी बहाव क्षेत्र, सांख, सिंदौली, ढूंढ नदी बहाव क्षेत्र, त्रिलोकपुरा, सीतापुरा, बगडिय़ा, कचौलिया, ढिंढोल, दनाऊ कलां समेत अन्य स्थानों पर हथकढ़ का कारोबार जोरों पर है।
– जमवारामगढ़ क्षेत्र के बासना, निम्बी, पेडावाला, आलावाला, दांतली, थौलाई, सायपुरा, साईवाड़, बटवाडी की ढाणी, नटाटा, गोडियाना, चैनपुरा, सानकोटडा, महंगी, भावपुरा, बादियावाला, मीणों का बाढ़, घटाजरी, राम्यावाला सहित कई जगह भट्टियां संचालित हो रही हैं।
– आमेर थाना इलाके में चौकीदार मीणों की ढाणी में हथकढ़ शराब बनाने की भट्टियां हैं।

सांझ ढलते ही शुरू होता है कारोबार
इस कारोबार से जुड़े लोग सांझ ढलते ही सक्रिय हो जाते हैं। हथकढ़ बनाने से लेकर बेचने तक का काम शाम से ही शुरू होता है। शराब माफिया भट्टी से आपूर्ति का कार्य भी रात को ही करते हैं। अब तो होम डिलीवरी तक की सुविधा उपलब्ध हो गई है। इसके लिए माफिया एक बच्चा, दो बच्चा यानी एक पव्वा या दो पव्वा कोड वर्ड में बात करते हैं।

2008 में जहरीली शराब से हो गई थी 23 की मौत
– शाहपुरा, विराटनगर, राड़ावास, जवानपुरा, देवन, सांवलपुरा तंवरान सहित कई गांवों में हथकढ़ शराब बनाई जाती है। आबकारी पुलिस कभी-कभार कार्रवाई भी करती है, लेकिन हथकढ़ बनाने का काम बदस्तूर जारी है। वर्ष 2008 में शाहपुरा के नायन, अमरसर, हनुतपुरा, करीरी में जहरीली शराब पीने से २३ जनों की मौत हो गई थी।
– चौमूं व आमेर तहसील के उदयपुरिया, हस्तेड़ा, भीलपुरा और बगवाड़ा में हथकढ़ शराब निकाली जाती है।

वर्तमान में मेरे पास चाकसू, बस्सी और दूदू का विशाल क्षेत्र है, लेकिन फिर भी महीने में 15 दिन अवैध शराब के ठिकानों पर कार्रवाई को अंजाम देते हैं, वैसे पुलिस द्वारा भी समय-समय पर अवैध शराब के ठिकानों पर कार्रवाई की जाती है।
-नरपत सिंह, आबकारी निरीक्षक, बस्सी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो