। सीएम ने लिखा कि मीडिया रिपोर्ट से पता लगा है कि भारत सरकार की कम्पनी एचएलएल लाईफ केयर लिमिटेड के माध्यम से लगभग 10 कम्पनियों से 59,000 वेंटिलेटर खरीदे गए थे। उसमें कई ऐसी कम्पनियां भी हैं जिन्हें वेंटिलेटर बनाने का किसी प्रकार का अनुभव ही नहीं था।
इसलिए कई राज्यों को डिफेक्टिव वेंटिलेटर वितरित हो गए। इस कारण डॉक्टर्स की ओर से मरीजों के जीवन के रिस्क की कीमत पर अधिकांश जगह इन वेंटिलेटर्स का उपयोग नहीं किया गया।
मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार निष्पक्ष जांच करवाकर इस प्रकार के डिफेक्टिव वेंटिलेटर सप्लाई करने वाली कम्पनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी। गौरतलब है कि पीएम केयर फंड से राजस्थान को वितरित किए वेंटिलेटर्स को लेकर सियासत भी खूब हुई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां इन वेंटिलेटर्स को डिफेक्टिव बताते आ रहे हैं तो भाजपा नेता सरकार पर पीएम केयर फंड के वेंटिलेटर्स को उपयोग में नहीं लिए जाने के आरोप लगाते हैं, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर्स की ऑडिट का फैसला लेने से मुख्यमंत्री गहलोत के डिफेक्टिव वेंटिलेटर्स वाले आरोपों को बल मिला है।